Wed, 22 Oct 2025 12:21:23 - By : Garima Mishra
वाराणसी में दीपावली के अगले दिन भी लोग उत्सव में शामिल रहे, लेकिन इस दौरान कुछ घटनाओं ने उत्सव की खुशियों को चुनौती दी। मंगलवार रात आठ बजे से बुधवार सुबह आठ बजे तक शहर के अलग-अलग इलाकों से कुल 15 लोग ब्लास्ट इंजरी के साथ वाराणसी मंडलीय अस्पताल पहुंचे। ज्यादातर घायलों में देसी सुतली बम और बड़े बम से चोटें आईं। डॉक्टर वीके सिंह ने इमरजेंसी में सभी का इलाज किया और आवश्यक दवाएं देकर कुछ मरीजों को ओपीडी में आने की सलाह दी।
पहली घटना जौन राय चौधरी के घर के पास हुई, जहां युवक रोहित जायसवाल (32) के हाथ में बम फट गया। इससे उसके अंगूठे और दो उंगलियां गंभीर रूप से घायल हुईं। डॉक्टर ने आपातकालीन ड्रेसिंग कर उसे एडमिट किया। दूसरे मामले में युवक बादल सिंह (24) के हाथ में भी बम फटने से चोट आई, जिसके लिए उसे दस टांके लगे। इसी तरह, किशोरी सृष्टि त्रिपाठी (13) के हाथ में बम लगने से जलन हुई, जबकि तेलियाबाग के अभिजीत चक्रवर्ती (20) के नाक पर बम के टुकड़े से गंभीर कट आया और उन्हें 12 टांके लगे।
डॉक्टर वीके सिंह ने बताया कि दीपावली और अगले दिन ऐसे ब्लास्ट इंजरी के मामले आम हैं। उन्होंने कहा कि मंगलवार रात आठ बजे से बुधवार सुबह तक 14 से 15 मरीज आए, जिनमें से एक युवक का ऑपरेशन आवश्यक है। उन्होंने सभी से सावधानी बरतने और पटाखों से दूरी बनाए रखने की सलाह दी। अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में डॉक्टरों और स्टाफ ने सभी मरीजों का समय रहते इलाज किया और कोई भी गंभीर जीवन जोखिम से बचा।
विशेषज्ञों का कहना है कि त्योहारों के दौरान पटाखों और घरेलू बम का उपयोग सुरक्षित तरीके से होना चाहिए। माता-पिता को बच्चों और किशोरों पर नजर रखनी चाहिए और प्रशिक्षित और सुरक्षित पटाखों का ही प्रयोग करना चाहिए। वाराणसी के चिकित्सालयों में हर साल दीपावली पर इस तरह के मरीज आते हैं, इसलिए सावधानी और सार्वजनिक जागरूकता अत्यंत आवश्यक है।