Thu, 12 Jun 2025 16:32:16 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
अहमदाबाद: गुजरात की राजधानी अहमदाबाद बुधवार को उस समय दहल उठी जब एअर इंडिया की लंदन जा रही फ्लाइट AI171 अचानक हादसे का शिकार हो गई। यह भीषण दुर्घटना मेघाणी नगर इलाके में दोपहर 1:38 बजे उस वक्त हुई जब विमान ने अहमदाबाद एयरपोर्ट के रनवे 23 से टेकऑफ किया ही था कि पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को ‘मेडे’ कॉल दी। लेकिन इससे पहले कि कोई समुचित प्रतिक्रिया हो पाती, बोइंग B787 (VT-ANB) विमान शहर के एक रिहायशी हिस्से में डॉक्टरों के हॉस्टल की छत पर जा गिरा। इस हादसे में विमान में मौजूद 242 यात्रियों के साथ-साथ जमीन पर मौजूद कई लोगों के हताहत होने की पुष्टि हो चुकी है।
विमान में सवार यात्रियों में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली, एक कनाडाई नागरिक और अन्य राष्ट्रीयताओं के लोग शामिल थे। पायलट कैप्टन सुमीत सभरवाल और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर विमान का संचालन कर रहे थे। विमान में 10 केबिन क्रू सदस्य भी तैनात थे। हादसे के तत्काल बाद एअर इंडिया ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि घटना की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए उच्च स्तरीय समीक्षा और राहत व्यवस्था शुरू की गई है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने तुरंत एक ऑपरेशनल कंट्रोल रूम सक्रिय कर दिया है, जिससे पूरे राहत कार्य का समन्वय किया जा रहा है। संपर्क के लिए हेल्पलाइन नंबर 1800 5691 444 और कंट्रोल रूम नंबर 011-24610843 / 9650391859 जारी किए गए हैं।
अहमदाबाद की सड़कों और घरों में तबाही का मंजर उस समय और भयानक हो गया जब यह पुष्टि हुई कि विमान UG हॉस्टल की मेस की छत पर गिरा, जहां MBBS के 40 से अधिक छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। सिविल अस्पताल अहमदाबाद के 15 डॉक्टर भी हादसे की चपेट में आकर घायल हुए हैं। दुर्घटना के कुछ ही मिनटों के भीतर दमकल, पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचीं और राहत व बचाव कार्य में जुट गईं। घटनास्थल पर काले धुएं का गुबार, जली हुई संरचनाएं और बिखरे शव देखकर हर आंख नम हो गई।
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने तुरंत अहमदाबाद के लिए प्रस्थान किया और घटनास्थल पर राहत कार्यों की निगरानी शुरू कर दी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात सीएम और अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर से फोन पर बात कर हालात की पूरी जानकारी ली और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू से फोन पर संपर्क कर हादसे की जानकारी ली और तत्काल आवश्यक सहायता मुहैया कराने के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी प्रभावितों को हरसंभव सहायता दी जाए और राहत कार्यों में किसी भी स्तर पर कोताही न बरती जाए। एयरपोर्ट अथॉरिटीज ने बताया कि फिलहाल अहमदाबाद एयरपोर्ट से सभी उड़ानें अगली सूचना तक स्थगित कर दी गई हैं।
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा, “इस भीषण हादसे से मैं गहरे दुख और स्तब्धता में हूं। हमारी टीमें पूरी तरह अलर्ट हैं, और सभी एयर एविएशन इमरजेंसी एजेंसियों को तेज और समन्वित कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। मैं स्वयं स्थिति की निगरानी कर रहा हूं और डीजीसीए, एएआई के अधिकारियों के संपर्क में हूं। चिकित्सा संस्थानों को भी अलर्ट कर दिया गया है ताकि घायलों को तत्काल इलाज मिल सके।”
इस विमान हादसे की एक और चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है — एयर इंडिया की इस फ्लाइट में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी सवार थे। हालांकि उनके स्वास्थ्य को लेकर फिलहाल कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की गई है। प्रशासन उनकी स्थिति की पुष्टि करने में जुटा है।
विमान के जमीन पर गिरते ही ऐसा प्रतीत हुआ जैसे पूरे इलाके में भूचाल आ गया हो। कई घरों की छतें उड़ गईं, खिड़कियां चकनाचूर हो गईं और धुएं के बादलों ने पूरे इलाके को ढंक लिया। शुरुआती जांच के अनुसार, हादसे की संभावित वजह तकनीकी खराबी हो सकती है, लेकिन इसकी पुष्टि डीजीसीए और विशेषज्ञ जांच के बाद ही की जा सकेगी।
दुर्घटनास्थल की भयावहता को देखते हुए यह स्पष्ट है कि यह हादसा भारतीय विमानन इतिहास के सबसे दुखद और चुनौतीपूर्ण हादसों में से एक बन गया है। राहत और बचाव कार्यों में लगे एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लगभग 70–80% प्रभावित क्षेत्र को खाली कर लिया गया है, लेकिन मलबे में फंसे लोगों को निकालने का कार्य बेहद संवेदनशीलता और तेजी के साथ किया जा रहा है।
अहमदाबाद में यह त्रासदी केवल एक विमान हादसा नहीं, बल्कि सैकड़ों परिवारों की उम्मीदों और जिंदगियों का दर्द बन गई है। पूरे देश से प्रार्थनाएं और संवेदनाएं प्रभावित लोगों के लिए उमड़ रही हैं। यह घटना हमें एक बार फिर यह याद दिलाती है कि उड्डयन क्षेत्र में सुरक्षा मानकों का कठोर पालन कितना आवश्यक है।
सरकार, प्रशासन, एअर इंडिया और आपातकालीन एजेंसियां राहत कार्यों में जुटी हैं। लेकिन इस त्रासदी की छाया इतनी भारी है कि यह देश के सामूहिक मानस पर लंबे समय तक असर छोड़ जाएगी। ऐसे संकट के समय में हम सबका कर्तव्य है कि पीड़ितों के लिए प्रार्थना करें, और इस पीड़ा में एकजुटता दिखाएं।
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