Fri, 19 Dec 2025 12:01:16 - By : Palak Yadav
पूर्व आईपीएस अधिकारी और आजाद अधिकार सेना के अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर को गुरुवार शाम बी वारंट के तहत देवरिया जेल से वाराणसी लाकर केंद्रीय कारागार में निरुद्ध किया गया है। करीब छह बजकर तीस मिनट पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पुलिस वाहन सीधे शिवपुर थाना क्षेत्र स्थित वाराणसी सेंट्रल जेल पहुंचा। जेल प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से सभी बैरकों को अस्थायी रूप से बंद कराया और आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद अमिताभ ठाकुर को तन्हाई बैरक में रखा गया। जेल सूत्रों के अनुसार पहली रात उन्होंने बेचैनी में बिताई और ठीक से सो नहीं पाए। उन्हें ओढ़ने के लिए दो कंबल उपलब्ध कराए गए और बैरक के बाहर अतिरिक्त बंदी रक्षक तैनात किए गए ताकि किसी भी तरह का संपर्क अन्य कैदियों से न हो सके।
अमिताभ ठाकुर को शुक्रवार को वाराणसी जिला एवं सत्र न्यायालय की स्पेशल सीजेएम कोर्ट में पेश किया जाएगा। अदालत में पेशी को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। हिंदू संगठनों के आक्रोश को देखते हुए न्यायालय परिसर के भीतर और बाहर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है। एसीपी दशाश्वमेध डॉ अतुल अंजन त्रिपाठी ने बताया कि नियमानुसार समय पर उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच तन्हाई बैरक से निकालकर कोर्ट ले जाया जाएगा और उनका बयान दर्ज कराया जाएगा। पेशी के बाद उन्हें पुनः देवरिया जेल भेजे जाने की तैयारी है।
यह पूरा मामला चौक थाने में दर्ज एक मुकदमे से जुड़ा है, जो 8 दिसंबर को हिंदू युवा वाहिनी नेता और वाराणसी विकास प्राधिकरण बोर्ड सदस्य अंबरीश सिंह भोला की ओर से दर्ज कराया गया था। तहरीर में आरोप लगाया गया कि 30 नवंबर को अमिताभ ठाकुर ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से एक पत्र और वीडियो साझा किया, जिसमें अंबरीश सिंह भोला पर कफ सिरप तस्करी में संलिप्त होने जैसे गंभीर और झूठे आरोप लगाए गए। आरोप है कि इस सामग्री से उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान पहुंचा। इसी आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की।
चौक पुलिस ने इस मामले में देवरिया की अदालत में बी वारंट के लिए अर्जी दाखिल की थी। अदालत से अनुमति मिलने के बाद देवरिया जेल में निरुद्ध अमिताभ ठाकुर की सुपुर्दगी लेकर उन्हें वाराणसी लाया गया। थाना प्रभारी दिलीप कुमार मिश्रा के अनुसार मामले में बीएनएस की धारा 196 229 356(2) और 356(3) के तहत कार्रवाई की जा रही है। पुलिस का कहना है कि सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इस प्रकरण की पृष्ठभूमि में यह भी सामने आया है कि अमिताभ ठाकुर ने कफ सिरप मामले को लेकर कुछ वीडियो और तथ्यों के आधार पर राज्य के पुलिस महानिदेशक समेत अन्य उच्च अधिकारियों को पत्र भेजकर जांच की मांग की थी। उन्होंने दावा किया था कि उन्हें दो वीडियो प्राप्त हुए हैं, जिनमें से एक में रामकटोरा बड़ी पियरी स्थित अंबरीश सिंह भोला के आवास से कफ सिरप से जुड़ा सामान हटाए जाने की बात कही गई थी। दूसरे वीडियो में अंबरीश सिंह भोला को वाहनों के काफिले के साथ चलते हुए दिखाने का दावा किया गया था। अमिताभ ठाकुर का कहना था कि उन्हें कफ सिरप प्रकरण से जुड़े एक व्यक्ति द्वारा भारी धनराशि दिए जाने की जानकारी मिली है, इसी आधार पर उन्होंने जांच और कार्रवाई की मांग की थी। इसके बाद दर्ज एफआईआर के तहत अब यह मामला अदालत में विचाराधीन है।