आजमगढ़: लोको पायलट दुर्गेश की पीट-पीटकर हत्या, न्याय को परिजनों ने सड़क जाम की

आजमगढ़ के नौसहरा गांव में लोको पायलट दुर्गेश कुमार की हत्या के बाद, परिजनों ने न्याय की मांग करते हुए जीयनपुर चौक पर सड़क जाम की।

Tue, 09 Sep 2025 10:51:32 - By : Garima Mishra

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में जीयनपुर कोतवाली क्षेत्र के नौसहरा गांव में रविवार की शाम लोको पायलट दुर्गेश कुमार की हत्या से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। घटना की सूचना मिलने पर जीयनपुर पुलिस मौके पर पहुंची और पड़ोसियों से जानकारी लेने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पोस्टमार्टम के बाद जब शव घर लाया गया तो परिजनों ने कार्रवाई की मांग करते हुए जीयनपुर चौक पर जाम लगा दिया।

27 वर्षीय दुर्गेश कुमार नौसहरा गांव के रहने वाले थे और 2020 में गोरखपुर में लोको पायलट के पद पर भर्ती हुए थे। हाल ही में उनका स्थानांतरण भुसावल, महाराष्ट्र हो गया था। वह पांच सितंबर को शारीरिक दक्षता परीक्षा देने के लिए घर आए थे और शाहजहांपुर भी परीक्षा देने गए थे। सात सितंबर की भोर में वह घर लौटे और उसी दिन देर शाम अपने खेत की ओर गए। वहीं पर आरोपियों ने उन पर हमला कर दिया। लाठी-डंडों से पिटाई के साथ उनका मोबाइल भी छीन लिया गया।

गंभीर हालत में दुर्गेश ने दूसरे के मोबाइल से अपने बड़े भाई अजीत कुमार को फोन कर बताया कि उन्हें बुरी तरह मारा गया है और तुरंत आकर ले जाने की गुहार लगाई। सूचना मिलते ही अजीत और उनकी चाची पुष्पा मौके पर पहुंचे और उन्हें घर लाए। इसके बाद परिजनों ने उन्हें इलाज के लिए जीयनपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन डॉक्टर ने गंभीर स्थिति देखते हुए रेफर कर दिया। उन्हें सदर अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया।

दुर्गेश के भाई अजीत ने बताया कि मौत से पहले रास्ते में दुर्गेश ने हमलावरों के नाम बताए थे। उसने कहा कि गणेश यादव, अजय यादव, श्रवण यादव, शेरू यादव और गोविंद यादव ने उसकी पिटाई की थी और जानेंद्र मिश्र ने उसे कोई दवा पिलाई थी। इस बयान के आधार पर पुलिस ने मृतक के भाई की तहरीर पर छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। जांच के दौरान चार आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है।

पोस्टमार्टम पुलिस की मौजूदगी में कराया गया। इसके बाद परिजनों ने सगड़ी तहसीलदार शिव प्रकाश सरोज को मांग पत्र सौंपा। उनकी मांग है कि सभी आरोपियों को 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार किया जाए, परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए, एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए और सुरक्षा के लिए शस्त्र लाइसेंस उपलब्ध कराया जाए।

इस घटना के बाद गांव और आसपास के इलाके में तनाव का माहौल है। पुलिस प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और मामले की जांच तेजी से जारी है।

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