Thu, 07 Aug 2025 11:42:13 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
बलिया: एनएच-31 पर कटहल नाला के ऊपर बने नवनिर्मित पुल को बिना किसी पूर्व सूचना के देर रात चालू किए जाने पर परिवहन मंत्री और बलिया विधायक दयाशंकर सिंह ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। पुल का बिना उद्घाटन के शुरू हो जाना मंत्री के लिए एक बड़ा सवाल बन गया और उन्होंने इसे ‘सरकार विरोधी कार्यशैली’ करार दिया। मंगलवार की देर रात पुल पर अचानक यातायात शुरू होते देख जब इसकी जानकारी मंत्री को मिली, तो वह तत्काल मौके पर पहुंच गए और संबंधित लोक निर्माण विभाग (PWD) अधिकारियों को मौके पर ही फटकार लगाई।
मंत्री का आरोप है कि पुल को चालू करने से पहले न तो क्षेत्रीय विधायक को सूचित किया गया, न ही नगर पालिका अध्यक्ष को कोई जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि “मैं खुद शहर में मौजूद था, अगर इतनी ही जल्दी थी तो मुझसे उद्घाटन करवा लिया होता। उद्घाटन की प्रक्रिया पूरी किए बिना इस तरह से पुल चालू कर देना न केवल प्रशासनिक अनदेखी है, बल्कि यह राज्य सरकार की गरिमा को भी ठेस पहुंचाने वाला कदम है।” मंत्री दयाशंकर सिंह की यह पूरी बातचीत एक वीडियो के जरिए सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें वे पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन पर सीधा नाराजगी जताते दिख रहे हैं।
वीडियो में मंत्री यह भी कहते सुने जा रहे हैं कि “मेरे रहते हुए अगर मेरे शहर में कोई बड़ा प्रोजेक्ट जनता के उपयोग के लिए चालू किया जाए, तो यह कम से कम सूचित तो किया जाना चाहिए। अगर उद्घाटन की प्रक्रिया का पालन नहीं किया जाएगा तो यह सरकार विरोधी गतिविधियों के दायरे में आएगा।” उन्होंने एक्सईएन से यह भी स्पष्ट किया कि आगे से इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
हालांकि, इस वायरल वीडियो की स्वतंत्र पुष्टि अमर उजाला नहीं करता है, लेकिन पूरे मामले को लेकर प्रशासनिक हलकों में खलबली मच गई है। मंत्री ने पुल को जनता के लिए समर्पित करने के लिए एक भव्य उद्घाटन समारोह की योजना की ओर भी इशारा किया था, जो इस घटना के चलते दरकिनार हो गया। यह पुल बलिया जनपद के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी माना जा रहा है, जिसका निर्माण लंबे समय से स्थानीय जनता की मांग पर किया गया था।
इस संबंध में जब परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह से पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि “यह एक गंभीर लापरवाही है। शासन के निर्देशों और राजनीतिक शिष्टाचार की अवहेलना की गई है। ऐसे विकास कार्यों का विधिवत उद्घाटन होना चाहिए ताकि जनता यह जान सके कि सरकार उनके लिए क्या कर रही है।” मंत्री के इस रुख के बाद अब पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं, और माना जा रहा है कि पूरे मामले की उच्चस्तरीय समीक्षा की जा सकती है।
जनमानस में भी इस घटना को लेकर चर्चा तेज हो गई है। कुछ लोग जहां मंत्री के कड़े रुख की सराहना कर रहे हैं, वहीं कुछ का मानना है कि पुल को जल्द खोलने का मकसद केवल जनता की सुविधा रहा होगा। हालांकि, यह स्पष्ट है कि शासन-प्रशासन के बीच संवाद- हीनता इस तरह की घटनाओं की जड़ में है, जिसे समय रहते सुधारा जाना आवश्यक है।