Wed, 09 Jul 2025 13:31:34 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: मंडुवाडीह क्षेत्र स्थित बरेका (बनारस रेल इंजन कारखाना) परिसर के पार्कों में बाहरी व्यक्तियों के मॉर्निंग वॉक पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए जाने के निर्णय ने स्थानीय स्तर पर नया विवाद खड़ा कर दिया है। बरेका प्रशासन ने साफ कर दिया है कि अब परिसर के भीतर केवल बरेका से संबंधित कर्मचारी और अधिकृत व्यक्ति ही पार्कों का उपयोग कर सकेंगे। यदि कोई बाहरी व्यक्ति इन पार्कों में घुसने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ रेल अधिनियम की धाराओं के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस निर्णय की सूचना सामने आते ही पड़ोसी डीएलडब्ल्यू (डीजल लोकोमोटिव वर्क्स) कॉलोनी के निवासियों में भारी आक्रोश फैल गया। वर्षों से पार्कों में सुबह की सैर करने वाले स्थानीय लोगों ने इसे अनुचित बताते हुए कड़ा विरोध जताया है। डीएलडब्ल्यू के कई लोगों ने मंगलवार सुबह बरेका गेट पर एकत्र होकर जोरदार नारेबाजी की और पार्कों में प्रवेश न मिलने पर आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी।
विरोध कर रहे स्थानीय लोगों ने बरेका प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि जब तक उन्हें पार्क में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाती, तब तक वे बरेका के कर्मचारियों को डीएलडब्ल्यू की सीमा में प्रवेश नहीं करने देंगे। कुछ लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि बरेका प्रशासन बिना कोई वैकल्पिक व्यवस्था किए अचानक से बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगाकर वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं के स्वास्थ्य हितों की अनदेखी कर रहा है।
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द कोई समाधान नहीं निकाला गया, तो वे संगठित होकर बड़ा आंदोलन करेंगे। बरेका के अधिकारियों के अनुसार, सुरक्षा कारणों और परिसरों की व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह प्रतिबंध किसी व्यक्ति या समुदाय को लक्षित नहीं है, बल्कि यह रेलवे की नीति और परिसरों की सीमाओं की रक्षा के तहत लिया गया फैसला है।
इस पूरे घटनाक्रम ने वाराणसी में रेलवे परिसरों की सार्वजनिक उपयोगिता और नागरिकों के अधिकारों को लेकर बहस छेड़ दी है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस विवाद को किस तरह से संभालता है और क्या कोई समाधान निकाल कर दोनों पक्षों को संतुष्ट किया जा सकेगा या यह टकराव आगे और बढ़ेगा।