बांग्लादेश: राजबाड़ी में हिंदू युवक अमृत मंडल की पीट-पीटकर हत्या, अल्पसंख्यक समुदाय में दहशत

बांग्लादेश के राजबाड़ी में उन्मादी भीड़ ने जबरन वसूली के आरोप में हिंदू युवक अमृत मंडल की पीट-पीटकर हत्या कर दी, जिससे अल्पसंख्यक समुदाय में भय का माहौल है।

Thu, 25 Dec 2025 20:30:02 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

बांग्लादेश/ढाका/राजबाड़ी: पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में अस्थिरता और हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। अराजकता और भीड़तंत्र (Mob Justice) की आग में एक बार फिर मानवता झुलस गई है। ताजी घटना राजबाड़ी जिले के पांगशा उपजिला से सामने आई है, जहाँ बुधवार की रात उन्मादी भीड़ ने एक हिंदू युवक की बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी। यह घटना न केवल कानून व्यवस्था की बदतर स्थिति को दर्शाती है, बल्कि वहां रह रहे अल्पसंख्यक समुदाय के भीतर गहरे पैठ चुके डर को भी उजागर करती है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मृतक की पहचान अमृत मंडल उर्फ 'सम्राट' के रूप में हुई है, जिस पर भीड़ ने कथित तौर पर जबरन वसूली का आरोप लगाते हुए हमला किया था। इस जघन्य हत्याकांड ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है और स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह पूरा घटनाक्रम पांगशा उपजिला के कलीमोहर यूनियन स्थित होसेंदंगा गांव में रात करीब 11 बजे घटित हुआ। स्थानीय लोगों का आरोप है कि अमृत मंडल वहां जबरन वसूली के इरादे से पहुंचा था, जिसके बाद भीड़ ने उसे घेर लिया और कानून को अपने हाथ में लेते हुए उसकी बेतहाशा पिटाई शुरू कर दी। सूचना मिलते ही पांगशा पुलिस की एक टीम घटनास्थल पर पहुंची और खून से लथपथ अमृत को गंभीर हालत में भीड़ के चंगुल से छुड़ाया। इस दौरान पुलिस ने मौके से अमृत के एक साथी, मोहम्मद सलीम, को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की। सलीम की तलाशी लेने पर पुलिस को उसके पास से एक पिस्टल और एक देसी बंदूक बरामद हुई है, जो इस मामले को और अधिक गंभीर और पेचीदा बनाती है।

घायल अमृत मंडल को पुलिस ने आनन-फानन में पांगशा उपजिला स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया, जहाँ डॉक्टरों ने उसकी जान बचाने की हर संभव कोशिश की। हालांकि, चोटें इतनी गंभीर थीं कि इलाज के दौरान रात करीब 2 बजे उसने दम तोड़ दिया। पांगशा सर्कल के सहायक पुलिस अधीक्षक देब्रत सरकार ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए राजबाड़ी सदर अस्पताल भेज दिया गया है। पुलिस ने बरामद हथियारों को जब्त कर लिया है और हिरासत में लिए गए साथी सलीम से कड़ाई से पूछताछ की जा रही है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि घटना के पीछे की असली वजह क्या थी और इसमें और कौन-कौन लोग शामिल थे। पुलिस का कहना है कि वे हर पहलू से जांच कर रहे हैं और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

बांग्लादेश में पिछले कुछ हफ्तों से जारी हिंसा की यह कोई एकल घटना नहीं है, बल्कि यह एक खतरनाक पैटर्न का हिस्सा नजर आती है। ढाका से लेकर चटगांव तक हिंसा और असहिष्णुता की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। गौरतलब है कि 12 दिसंबर को इंकलाब मंच के छात्र नेता उस्मान हादी को गोली मार दी गई थी, जिनका बाद में 18 दिसंबर को सिंगापुर में इलाज के दौरान निधन हो गया था। उस घटना के बाद से ही देश का माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। इसके ठीक बाद चटगांव में एक हिंदू व्यक्ति की लिंचिंग ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकार संगठनों का ध्यान खींचा था। अब, ताज़ा घटनाक्रम में खुलना में नेशनल सिटीजन पार्टी (एनसीपी) के नेता मोहम्मद मुतालिब सिकदर पर हुए जानलेवा हमले और अब राजबाड़ी में अमृत मंडल की हत्या ने यह साबित कर दिया है कि बांग्लादेश में भीड़तंत्र अब कानून से ऊपर हावी हो चुका है।

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