Wed, 08 Oct 2025 12:26:30 - By : Garima Mishra
भदोही: भारत की हस्तकला और कारीगरी के लिए भदोही एक जाना-माना केंद्र है। मंगलवार को इस जिले की पहचान और बढ़ गई, जब यहां बनी हैंड टफ्टेड कालीन को विश्व की सबसे बड़ी कालीन का खिताब मिला। पाटोदिया कॉन्ट्रैक्ट द्वारा निर्मित इस कालीन को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल किया गया।
यह विशाल कालीन मध्य एशिया के कजाखस्तान की अस्ताना ग्रैंड मस्जिद में बिछाई गई है। कुल क्षेत्रफल 12464.28 वर्ग मीटर में फैली इस कालीन को तैयार करने में एक हजार कुशल कारीगरों ने करीब छह महीने का कठिन परिश्रम किया। कोविड काल के दौरान भारत और कजाखस्तान में भारतीय मूल के कारीगरों ने लगभग 50 दिनों तक इसे मस्जिद में बिछाने का कार्य किया। कालीन को 125 अलग-अलग टुकड़ों में मस्जिद तक पहुंचाया गया। इसकी कीमत 15 लाख अमेरिकी डॉलर यानि भारतीय रुपये में 13 करोड़ 20 लाख रुपये है।
साल 2021 में जब पूरी दुनिया कोविड महामारी के संकट से जूझ रही थी, तब कंपनी को मध्य एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद के लिए कालीन निर्माण का प्रस्ताव मिला। आठ पिलर वाली इस मस्जिद के लिए डिजाइन तैयार करना और बाद में इसे बिछाना एक चुनौतीपूर्ण काम था। कालीन की बारीकियों को मस्जिद के मध्य केंद्र और पिलरों के अनुसार सटीक मिलाना भी एक बड़ी चुनौती साबित हुई।
इस कालीन की विशेषता केवल आकार में ही नहीं है, बल्कि इसमें प्रयोग की गई सामग्री और डिजाइन में भी है। पूरी कालीन ऊन से बनी है और इसमें 70 मीटर व्यास का आकर्षक मध्य चक्र (मेडलियन) है। ईरान के पारंपरिक पर्सियन डिजाइन और जन्नत-उल-फिरदौस के तत्वों से प्रेरित इस कालीन का हर विवरण बेहद सावधानी से तैयार किया गया।
पाटोदिया कॉन्ट्रैक्ट के रवि पाटोदिया ने बताया कि इस अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर के लिए पहले चीन और अमेरिका के कई कालीन निर्माता संपर्क में थे। लेकिन भदोही की विशिष्ट कलाकारी और गुणवत्ता के कारण यह ऑर्डर भारतीय कारीगरों को ही मिला। इससे पहले ईरान की हैंड नॉटेड कालीन, जिसका क्षेत्रफल 5630 वर्ग मीटर था, संयुक्त अरब अमीरात की शेख जायद ग्रैंड मस्जिद के लिए बनाई गई थी। भदोही की यह कालीन हैंड टफ्टेड क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी साबित हुई है।