Mon, 22 Sep 2025 23:03:16 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
गोरखपुर: नवरात्रि का पावन पर्व श्रद्धा और भक्ति का उत्सव है। इसी शुभ अवसर पर गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर का वातावरण सोमवार को विशेष रूप से आध्यात्मिक और प्रेरणादायक रहा। विश्व हिन्दू महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष भिखारी प्रजापति जी ने सूबे के मुखिया एवं गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ जी महाराज से भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया। यह भेंट केवल औपचारिकता तक सीमित नहीं रही, बल्कि संगठन की भावी योजनाओं और राष्ट्रधर्म की दिशा में गंभीर विचार-विमर्श का अवसर बनी।
नवरात्रि के पावन पर्व पर प्रदेश अध्यक्ष भिखारी प्रजापति जी ने पूज्य महाराज जी को भगवान श्रीराम की भव्य प्रतिमा अर्पित की। यह प्रतिमा केवल एक उपहार नहीं, बल्कि उस अटल विश्वास और अडिग संकल्प का प्रतीक थी, जो संगठन धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए लिए हुए है। प्रतिमा भेंट करते समय प्रजापति जी की आँखों में आस्था और भक्ति की चमक साफ झलक रही थी। महंत योगी आदित्यनाथ जी महाराज ने इसे स्वीकार करते हुए उन्हें आशीर्वाद दिया और कहा कि "राम ही धर्म की नींव हैं, और राम का आदर्श ही राष्ट्र की आत्मा है। इस आदर्श को जीवित रखना ही सबसे बड़ा संकल्प है।"
इस अवसर पर प्रयागराज में प्रस्तावित राष्ट्रीय गोरक्षा संगोष्ठी और गोरखपुर में आयोजित होने वाले राज्य अधिवेशन पर गहन और लंबी चर्चा हुई। महाराज जी ने संगठन को दिशा देते हुए कहा कि गोरक्षा कोई साधारण कार्य नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा की आत्मा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक गौ माता की रक्षा सुनिश्चित नहीं होती, तब तक भारतीय समाज की जड़ों को पूरी तरह सुरक्षित नहीं किया जा सकता।
प्रदेश अध्यक्ष भिखारी प्रजापति ने अपने विचार साझा करते हुए कहा, "विश्व हिन्दू महासंघ गोरक्षा, धर्मरक्षा और संस्कृति की पुनर्स्थापना के लिए निरंतर संघर्षरत है। प्रयागराज की संगोष्ठी और गोरखपुर अधिवेशन केवल आयोजन नहीं होंगे, बल्कि यह समाज को नई दिशा देंगे और आने वाली पीढ़ियों को हमारी जड़ों से जोड़ेंगे।"
इस भेंटवार्ता में प्रदेश सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राकेश श्रीवास्तव भी उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि नवरात्रि शक्ति और भक्ति का पर्व है और इसी समय लिया गया संकल्प हमेशा सार्थक होता है। श्रीवास्तव ने कहा, "हमारा संगठन संस्कृति को केवल बचाना ही नहीं चाहता, बल्कि उसे समाज की धड़कन और जीवनशैली का हिस्सा बनाना चाहता है। प्रयागराज और गोरखपुर के आयोजन इस संकल्प को साकार करेंगे। युवाओं और महिलाओं की भागीदारी से यह आंदोलन व्यापक और जीवंत बनेगा।"
गोरखनाथ मंदिर में हुई इस मुलाकात के बाद मंदिर प्रांगण में मौजूद श्रद्धालुओं और कार्यकर्ताओं में विशेष उत्साह देखा गया। लोग महंत योगी आदित्यनाथ जी महाराज और संगठन के पदाधिकारियों की इस भेंट को नवरात्रि पर धर्म और राष्ट्र की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल मान रहे थे। मंदिर का वातावरण "जय श्रीराम" और "भारत माता की जय" के नारों से गूंज उठा।
गोरखनाथ मंदिर की इस पावन धरती पर हुई यह मुलाकात केवल एक आशीर्वाद प्राप्ति का क्षण नहीं, बल्कि एक नए युग की शुरुआत भी है। यह वह क्षण था जब धर्म, संस्कृति और गोरक्षा का संदेश एक बार फिर जन-जन तक पहुँचाने का संकल्प लिया गया। नवरात्रि की इस मंगल बेला में मंदिर परिसर में हुई यह भेंट भविष्य के उन आयोजनों की मजबूत नींव साबित होगी, जो समाज में नई चेतना और ऊर्जा का संचार करेंगे।