Sat, 13 Sep 2025 10:45:35 - By : Garima Mishra
वाराणसी में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से जुड़ी एक बड़ी घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। इंडियन फिलॉसफी विषय में पीएचडी कर रही 27 वर्षीय विदेशी छात्रा फिलिप फ्रांसिस्का संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाई गईं। फिलिप मूल रूप से रोमानिया की निवासी थीं और चौक थाना क्षेत्र के सीके 8/125 गढ़वासी टोला स्थित एक मकान में किराए पर रह रही थीं। गुरुवार की देर रात पुलिस को सूचना मिली कि वह अपने कमरे का दरवाजा नहीं खोल रही हैं। इसके बाद चौक पुलिस मौके पर पहुंची और छात्रा के दो विदेशी मित्रों तथा मकान मालिक की मदद से डुप्लीकेट चाबी से दरवाजा खोला गया। जब पुलिस कमरे के अंदर दाखिल हुई तो छात्रा अपने बिस्तर पर मृत अवस्था में मिलीं।
मृतक छात्रा की पहचान की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने प्राथमिक जांच शुरू की और शव को शिवपुर स्थित मर्चरी हाउस भेज दिया। अधिकारियों ने बताया कि मौत के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा कि यह आत्महत्या का मामला है या किसी अन्य वजह से उनकी जान गई। पुलिस ने यह भी बताया कि कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।
फिलिप फ्रांसिस्का पिछले कुछ समय से मानसिक तनाव में थीं। उनके मित्रों का कहना है कि वह परिवार से दूर रहकर अक्सर अकेलापन महसूस करती थीं। हालांकि, वे पढ़ाई में बेहद रुचि रखती थीं और अपने शोध कार्य को लेकर गंभीर थीं। इस घटना की जानकारी मिलते ही चौक चौकी इंचार्ज मौके पर पहुंचे और सभी जरूरी कानूनी प्रक्रिया पूरी करवाई।
छात्रा की मौत ने विश्वविद्यालय परिसर में गहरी चिंता और शोक का माहौल पैदा कर दिया है। छात्र संगठन और सहपाठियों ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी कहा है कि वे मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और पूरी तरह से जांच में सहयोग करेंगे। पुलिस ने इस घटना की तह तक जाने के लिए एक विशेष जांच टीम का गठन किया है, जो छात्रा की पढ़ाई, उनके निजी जीवन और मानसिक स्थिति जैसे सभी पहलुओं की गहनता से जांच करेगी।
मकान मालिक विशाल खन्ना ने बताया कि उस रात जब फिलिप का दरवाजा नहीं खुला तो उनके मित्रों ने सबसे पहले उन्हें संपर्क किया। इसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी और मामले की जानकारी दी। पुलिस के आने के बाद ही दरवाजा खोला जा सका। यह खबर सामने आने के बाद वाराणसी शहर और विश्वविद्यालय समुदाय में शोक और चिंता की लहर दौड़ गई है।