वाराणसी: BHU देगा चार स्तरीय सुरक्षा वाली डिग्रियां, फर्जीवाड़ा होगा खत्म

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह से पहले चार स्तरीय सुरक्षा वाली डिग्रियां देगा, फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी।

Mon, 10 Nov 2025 16:23:01 - By : Palak Yadav

वाराणसी स्थित बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) ने अपने दीक्षांत समारोह से पहले एक महत्वपूर्ण तकनीकी पहल की है। विश्वविद्यालय अब विद्यार्थियों को ऐसी डिग्रियां देने जा रहा है जिनमें चार स्तरीय सुरक्षा होगी, ताकि फर्जी डिग्री तैयार करने की कोशिशों पर पूरी तरह रोक लगाई जा सके। इस बार 20 हजार से अधिक स्नातक, परास्नातक और पीएचडी विद्यार्थियों को यह सुरक्षित डिग्रियां प्रदान की जाएंगी।

इन डिग्रियों में एंटी फोटोकॉपी फीचर शामिल किया गया है, जिससे इन्हें हूबहू नकल करना संभव नहीं होगा। यदि कोई व्यक्ति डिग्री की फोटोकॉपी कराने की कोशिश करेगा तो कॉपी पर स्वतः "फोटोकॉपी" शब्द उभर आएगा, जबकि असली डिग्री पर ऐसा कोई निशान नहीं दिखाई देगा। यह तकनीक फर्जीवाड़े पर नकेल कसने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

डिग्रियों में बीएचयू के लोगो का वाटरमार्क भी होगा और उस पर पराबैंगनी स्याही (यूवी इंक) से बना विश्वविद्यालय का प्रतीक चिन्ह केवल विशेष लाइट से ही दिखाई देगा। इसके अलावा एक छिपा हुआ डिजिटल हस्ताक्षर और यूवी थ्रेड भी डिग्री में जोड़ा गया है। इन सभी सुरक्षा उपायों से यह सुनिश्चित किया गया है कि किसी भी तरह की जालसाजी या अनधिकृत प्रतिकृति तैयार न की जा सके।

विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंता कार्यालय ने बताया कि डिग्रियों की छपाई और प्रकाशन की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। हल्के क्रीम रंग के ए-4 साइज कागज पर यह डिग्रियां तैयार की जा रही हैं। निचले हिस्से में बीएचयू का रंगीन लोगो अंकित होगा और उस पर डिपे हुए हस्ताक्षर केवल खास लेजर लाइट से ही देखे जा सकेंगे। अधिकारियों ने यह नहीं बताया कि कौन सी लाइट से हस्ताक्षर देखे जा सकते हैं, ताकि इसकी सुरक्षा और गोपनीयता बनी रहे।

इसी के साथ बीएचयू का 105वां दीक्षांत समारोह 12 दिसंबर को स्वतंत्रता भवन में आयोजित किया जाएगा। समारोह में 135 से अधिक विभागों के लगभग 475 टॉपर्स को स्वर्ण पदक दिए जाएंगे। इनमें महिला महाविद्यालय, वसंता कॉलेज राजघाट, वसंत कन्या कमच्छा, आर्य महिला डिग्री कॉलेज और डीएवी कॉलेज के छात्र-छात्राएं भी शामिल होंगे। इसके अलावा विश्वविद्यालय स्तर पर करीब 35 विद्यार्थियों को मंच से मेडल और उपाधि प्रदान की जाएगी।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि इस वर्ष का दीक्षांत समारोह कई दृष्टि से खास रहेगा, क्योंकि पहली बार बीएचयू ने डिग्रियों को पूरी तरह सुरक्षित और जालसाजी-रोधी बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाया है। यह पहल भविष्य में सभी विश्वविद्यालयों के लिए एक उदाहरण बन सकती है।

छह नवंबर को हुई एकेडमिक काउंसिल की बैठक में दीक्षांत समारोह से संबंधित कई प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। इसमें समारोह के मुख्य अतिथि के चयन से लेकर मेडल की संख्या और वितरण प्रक्रिया तक के निर्णय लिए गए। स्वतंत्रता भवन के अलावा विश्वविद्यालय के 10 से अधिक स्थानों पर एक साथ डिग्रियां वितरित की जाएंगी, ताकि विद्यार्थियों को आसानी से उपाधि प्राप्त हो सके।

यह पहल न केवल डिग्री की प्रामाणिकता सुनिश्चित करेगी बल्कि देश के उच्च शिक्षा संस्थानों में तकनीकी सुरक्षा के मानक को भी नई दिशा देगी। बीएचयू का उद्देश्य छात्रों को ऐसी उपाधि देना है जो आधुनिक सुरक्षा तकनीक से सुसज्जित हो और जिसकी साख वैश्विक स्तर पर कायम रह सके।

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