Sun, 09 Nov 2025 10:49:25 - By : Palak Yadav
वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में गुरुवार को उस समय माहौल गर्मा गया जब पुलिस द्वारा एनएसयूआई से जुड़े छात्रों को हिरासत में लेने के खिलाफ छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों का आरोप है कि यह कार्रवाई लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है और सरकार छात्र आवाज को कुचलने का प्रयास कर रही है।
घटना गुरुवार दोपहर की है जब लंका थाना क्षेत्र में पुलिस ने लॉ फैकल्टी के छात्र सुमन आनंद और उनके साथियों को फैकल्टी परिसर से हिरासत में ले लिया। छात्र “वोट चोरी” के मुद्दे पर विश्वविद्यालय प्रशासन और चुनाव समिति से संवाद की तैयारी कर रहे थे। पुलिस ने उन्हें धारा 144 के उल्लंघन और शांति भंग की आशंका के तहत हिरासत में लिया। बताया गया कि छात्रों को देर रात तक थाने में रखा गया और बाद में उन्हें पुलिस लाइन भेजने की प्रक्रिया शुरू की गई।
छात्रों का कहना है कि वे एनएसयूआई के बैनर तले मालवीय भवन से महिला महाविद्यालय तिराहा तक एक शांतिपूर्ण पैदल मार्च निकालने वाले थे, लेकिन पुलिस ने बिना किसी उकसावे के कार्रवाई की। उनका कहना है कि प्रशासन छात्रों की लोकतांत्रिक आवाज को दबाने का प्रयास कर रहा है।
कांग्रेस पार्टी ने इस कार्रवाई को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने बयान जारी करते हुए कहा कि यह सरकार की असहिष्णुता का प्रमाण है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जब भी युवा और छात्र अपनी बात रखते हैं तो सरकार उन पर पुलिसिया दमन करती है। युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रभारी मनीष शर्मा ने कहा कि लोकतांत्रिक संघर्ष को किसी भी दमन से नहीं दबाया जा सकता। वोट चोरी और चुनावी अनियमितताओं के खिलाफ यह लड़ाई जनता की आवाज है, जिसे कोई सत्ता नहीं रोक सकती।
इधर, शुक्रवार को जब सुमन आनंद विश्वविद्यालय लौटे तो बीएचयू परिसर में छात्रों ने उनका जोरदार स्वागत किया। बड़ी संख्या में छात्र लॉ फैकल्टी के बाहर जुटे और सरकार व प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए। छात्रों ने कहा कि वे “वोट चोरी” के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे।
इस दौरान संजीव सिंह, विकास सिंह, ऋषभ पांडेय, विशाल सिंह, चंचल, ओम शुक्ला, राघवेंद्र चौबे, धनंजय, मुरारी, निक्सन, राणा रोहित, निर्भय, अतुल, बबीता, मनीष संध्या, अर्पिता, प्रिंस, प्रियदर्शन, प्रसून, आदित्य, पीयूष, रवि और वंदना सहित बड़ी संख्या में छात्र मौजूद रहे।
घटना के बाद से विश्वविद्यालय परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। प्रशासन ने किसी भी प्रकार की अनधिकृत गतिविधि पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। वहीं छात्र संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि पुलिस कार्रवाई वापस नहीं ली गई तो विश्वविद्यालय स्तर पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।