Sat, 18 Oct 2025 11:51:06 - By : Garima Mishra
वाराणसी: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में एक नवंबर से एग्जामिनेशन मैनेजमेंट स्ट्रेस क्लीनिक की शुरुआत होने जा रही है। इस क्लीनिक का उद्देश्य छात्रों को परीक्षा से जुड़े तनाव और चिंता को कम करने में मदद करना है। छात्र-छात्राओं को इस सुविधा के तहत समय प्रबंधन, रिलैक्सेशन तकनीक और मानसिक सक्रियता बढ़ाने के तरीकों के बारे में विशेषज्ञ परामर्श दिया जाएगा।
क्लीनिक हर सोमवार से शनिवार तक स्टूडेंट वेलफेयर सेंटर बिल्डिंग में कार्य करेगी और यह सुविधा 30 जनवरी तक चलने की योजना है। छात्रों को शैक्षणिक दबावों से निपटने, इमोशनल कंट्रोल बनाए रखने और सेल्फ केयर पर ध्यान देने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। तीन महीने तक लगातार चलने वाले इस कार्यक्रम में छात्रों को तनाव से निपटने की रणनीतियाँ सिखाई जाएंगी, परीक्षा के दिनों में घबराहट और पैनिक स्थिति को नियंत्रित करने के तरीके बताए जाएंगे, और व्यक्तिगत मार्गदर्शन के माध्यम से परीक्षा की रणनीति को समझने में मदद की जाएगी।
क्लीनिक में परामर्श के दौरान विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया जाएगा, जिससे छात्रों को मानसिक रूप से सशक्त बनाया जा सके। इस पहल से छात्रों के कल्याण और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी।
इसी क्रम में, आईआईटी बीएचयू में शुक्रवार को प्रोफेसरों और कर्मचारियों को सतर्कता, पारदर्शिता और निष्ठा की भावना से परिचित कराया गया। केंद्रीय सतर्कता आयोग के निर्देश पर एबीएलटी-4 में आयोजित कार्यक्रम में बनारस रेल इंजन कारखाना के मुख्य सतर्कता अधिकारी अंकुर चंद्रा ने कहा कि सतर्कता केवल नियंत्रण का माध्यम नहीं बल्कि सुशासन और संस्थागत प्रगति की नींव है। संयुक्त कुलसचिव डॉ. सर्वेश कुमार तिवारी ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम प्रशासनिक तंत्र को अधिक उत्तरदायी और पारदर्शी बनाते हैं। कुलसचिव सुमित कुमार बिस्वास ने कहा कि सतर्कता का अर्थ केवल निगरानी नहीं बल्कि स्वयं के आचरण में नैतिकता लाना है।