Thu, 04 Dec 2025 22:21:57 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: भाजपा नेत्री शालिनी यादव को लेकर सोशल मीडिया पर पिछले दो दिनों से फैल रही अफवाहों और भ्रामक खबरों के बीच गुरुवार को उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले पर विस्तार से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के कुछ लोग राजनीतिक लाभ के उद्देश्य से तथ्यों को तोड़-मरोड़कर उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। जिस फ्लैट को लेकर लगातार सोशल मीडिया पर उन्हें निशाना बनाया जा रहा है, न वे कभी उसकी मालिक रहीं और न ही सह-मालिक। यह पूरा विवाद एक सुनियोजित गलत सूचना अभियान के तहत फैलाया गया है।
शालिनी यादव ने कहा कि सोशल मीडिया के कई प्लेटफॉर्म पर उनके बारे में दुष्प्रचार करते हुए यह लिखा जा रहा है कि उनके फ्लैट में अवैध गतिविधियां पकड़ी गईं और पुलिस ने 13 लोगों को गिरफ्तार किया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि “इन आरोपों का न तो कोई आधार है और न ही कोई सत्यता। जिस फ्लैट का जिक्र किया जा रहा है, उससे मेरा कोई संबंध कभी भी नहीं रहा। इसके बावजूद मेरे नाम का इस्तेमाल कर राजनीतिक बदनामी फैलाना दुर्भाग्यपूर्ण है और सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है।”
उन्होंने बताया कि पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, संबंधित फ्लैट से केवल तीन महिलाओं को पूछताछ के लिए थाने लाया गया था और बाद में उन्हें सिगरा थाने से छोड़ दिया गया। यह बात भी प्रचारित की गई कि 13 लोगों को उसी फ्लैट से पकड़ा गया, जबकि पुलिस कार्रवाई के दौरान अन्य 10 लोगों की गिरफ्तारी किसी दूसरे स्थान मेलोडी स्पा से हुई थी। “ऐसे में यह कहना कि मेरे कथित फ्लैट से 13 लोग पकड़े गए, पूरी तरह भ्रामक और तथ्यहीन है,” उन्होंने जोर देकर कहा।
शालिनी यादव ने भावुक होते हुए कहा कि वे राज्यसभा के पूर्व सभापति एवं केंद्रीय मंत्री की बहू हैं, जिनकी निष्ठा, सच्चरित्र और जनसेवा की मिसाल आज भी दी जाती है। “मैं हमेशा उनके सिद्धांतों पर चलकर ईमानदारी से जनता की सेवा कर रही हूं। इसके बावजूद इतनी बड़ी गलत सूचना फैलाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है,” उन्होंने कहा। उन्होंने यह भी बताया कि इस दुष्प्रचार में विपक्षी दलों के वरिष्ठ पदाधिकारी, कार्यकर्ता और फेक आईडी चलाने वाले ट्रोल शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि उनकी कानूनी टीम उन सभी पोस्टों और खबरों का परीक्षण कर रही है, जिनका उद्देश्य सिर्फ उनकी छवि को धूमिल करना है। उन सभी के खिलाफ मानहानि और आईपीसी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा, ताकि भविष्य में बिना सत्यापन के किसी निर्दोष खासकर महिला पर इस तरह के झूठे आरोप न लगाए जा सकें।
पति अरुण यादव ने रखा तथ्यात्मक पक्ष
प्रेस कॉन्फ्रेंस में शालिनी यादव के पति अरुण यादव ने भी पूरे प्रकरण पर विस्तार से अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि जिस फ्लैट को लेकर विवाद खड़ा किया गया है, वह वर्ष 1999 से उनके नाम है और इसका बिजली बिल, जलकर तथा नगर निगम कर सभी उनके नाम पर दर्ज हैं। “मैंने यह फ्लैट 1 अप्रैल 2025 से अश्वनी त्रिपाठी नाम के व्यक्ति को विधिवत किरायेदारी एग्रीमेंट बनाकर किराए पर दिया है। इस पर गवाहों की मौजूदगी में हस्ताक्षर कराए गए और नोटरी भी कराया गया,” उन्होंने बताया।
अरुण यादव ने कहा कि 2 दिसंबर को पुलिस की कार्रवाई पहले मेलोडी स्पा, निकट एबी लॉन, पर हुई, जहां से 10 लोगों की गिरफ्तारी दर्ज है। इसके बाद पुलिस ने शक्ति शिखा बिल्डिंग में स्थित किराएदार के फ्लैट पर भी कार्रवाई की, जहां से मात्र तीन महिलाओं को पूछताछ के लिए थाने लाया गया और बाद में छोड़ दिया गया। “एफआईआर में न तो मेरा नाम है और न ही फ्लैट मालिक होने के नाते मेरे खिलाफ कोई आरोप दर्ज किया गया है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें या उनके परिवार को इस मामले से जोड़ना न सिर्फ गलत है बल्कि जानबूझकर भ्रम फैलाने की कोशिश है। “सोशल मीडिया पर लोग जिस तरह से मेरे फ्लैट से 13 लोगों की गिरफ्तारी की बात लिख रहे हैं, वह पूरी तरह निराधार और तथ्यविहीन है।”
दुष्प्रचार के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की तैयारी
भाजपा नेत्री शालिनी यादव ने कहा कि उनके खिलाफ फैलाई जा रही गलत खबरें एक सुविचारित राजनीतिक हमला हैं। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले पर जल्द ही कानूनी कदम उठाए जाएंगे, ताकि झूठे आरोप लगाने वालों को सबक मिले और भविष्य में किसी भी महिला की प्रतिष्ठा ऐसी मनगढ़ंत कहानियों से आहत न हो।
उन्होंने कहा कि “लोकतंत्र में आलोचना की गुंजाइश हमेशा रहती है, लेकिन किसी महिला की गरिमा से खिलवाड़ कर झूठी बातें फैलाना निंदनीय है। सत्य सामने आने के बाद उम्मीद है कि अफवाह फैलाने वाले अपने कृत्य पर विचार करेंगे।”