बुलंदशहर: महिला SHO से बदसलूकी, दो सिपाही निलंबित, घटना का वीडियो हुआ वायरल

बुलंदशहर में दो सिपाहियों ने नशे में महिला थाना प्रभारी से अभद्रता की, जिसके बाद दोनों को निलंबित कर दिया गया है, और वायरल वीडियो के चलते विभागीय जांच भी शुरू हो गई है।

Mon, 07 Jul 2025 12:01:57 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

बुलंदशहर: पुलिस महकमे की गरिमा को झकझोर देने वाली एक शर्मनाक घटना सामने आई है, जहां खुद कानून की रक्षा का दायित्व निभाने वाले दो वर्दीधारी पुलिसकर्मी कानून को ही ताक पर रखते हुए एक महिला थाना प्रभारी से खुलेआम अभद्रता करते नजर आए।

इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिससे मामला तूल पकड़ चुका है और विभागीय छवि पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। वायरल हो रहा वीडियो आवास विकास कॉलोनी क्षेत्र का बताया जा रहा है, जो नगर कोतवाली क्षेत्र में आता है।

मामले के अनुसार, महिला SHO किसी कारणवश सादी वर्दी में थाने की ओर जा रही थीं। रास्ते में थाना कोतवाली देहात में तैनात दो पुलिसकर्मियों अनुज चौधरी और रूधन खोखर ने उन्हें अचानक रोक लिया। बताया जा रहा है कि दोनों सिपाही शराब के नशे में थे और पहचान न होने के चलते महिला SHO से गाली-गलौज करने लगे। इसके साथ ही, महिला SHO पर कथित रूप से वाहन चढ़ाने का प्रयास भी किया गया।

घटना के बाद महिला अधिकारी ने तुरंत इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी। सूचना मिलते ही नगर कोतवाली क्षेत्र की पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में लिया। दोनों आरोपी सिपाहियों को तत्काल प्रभाव से पुलिस चौकी ले जाया गया और प्राथमिक पूछताछ के बाद वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश पर लाइन हाजिर कर दिया गया।

पुलिस प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दोषी दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दे दिए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने साफ तौर पर कहा है कि वर्दी में रहकर इस प्रकार का आचरण पुलिस विभाग की मर्यादा और जनता के भरोसे के साथ खिलवाड़ है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

बुलंदशहर पुलिस की ओर से जारी आधिकारिक बयान में यह कहा गया है कि घटना पांच जुलाई को घटित हुई थी। वाहन हटाने के मामूली विवाद ने देखते ही देखते बदसलूकी का रूप ले लिया। महिला SHO द्वारा फोन पर दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर ही सिटी कोतवाली टीम को मौके पर भेजा गया, जिसने हालात को संभाला और महिला SHO से बहस कर रहे दोनों पुलिसकर्मियों को हिरासत में लिया।

यह घटना एक बार फिर पुलिस विभाग के अंदर अनुशासन और संवेदनशीलता को लेकर गहन मंथन की जरूरत को दर्शाती है। महिला SHO के साहसिक कदम और तत्काल रिपोर्टिंग से एक गंभीर मामले को समय रहते उजागर किया जा सका।

पुलिस महकमे की साख को बचाने और पीड़ित महिला अधिकारी को न्याय दिलाने के लिए अब निगाहें इस विभागीय जांच पर टिकी हैं। सवाल यही है, क्या आने वाले दिनों में ऐसे मामलों में और पारदर्शिता तथा कठोरता से कार्रवाई होगी या फिर यह एक और फाइल बनकर दबा दिया जाएगा?

इस घटना ने न केवल बुलंदशहर, बल्कि पूरे प्रदेश में वर्दीधारियों के आचरण पर नई बहस को जन्म दे दिया है।

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