बुलंदशहर: श्रद्धालुओं से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली को कंटेनर ने मारी टक्कर, आठ की मौत, 45 घायल

बुलंदशहर में नेशनल हाईवे-34 पर श्रद्धालुओं से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली को कंटेनर ने टक्कर मारी, आठ की मौत, 45 घायल।

Mon, 25 Aug 2025 08:52:03 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

बुलंदशहर: खुर्जा क्षेत्र में रविवार देर रात एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ जिसने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। नेशनल हाईवे-34 पर अरनिया थाना क्षेत्र के घटाल गांव के पास श्रद्धालुओं से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली को पीछे से तेज रफ्तार कंटेनर ने जोरदार टक्कर मार दी। हादसा इतना भीषण था कि ट्रॉली में सवार लोग सड़क पर बिखर गए। इस दुर्घटना में आठ श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि करीब 45 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।

हादसे की सूचना मिलते ही जिले का प्रशासन हरकत में आ गया। देर रात ही डीएम श्रुति और एसएसपी दिनेश कुमार सिंह घटनास्थल पर पहुंचे और राहत कार्यों का जायजा लिया। पुलिस और एंबुलेंस की मदद से घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। कैलाश अस्पताल में 29, मुनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 18 और जटिया अस्पताल में 10 घायलों को भर्ती कराया गया। इनमें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। डॉक्टरों ने कैलाश अस्पताल में दो बच्चों सहित छह लोगों और मुनी सीएचसी में दो लोगों को मृत घोषित कर दिया।

मृतकों में 12 वर्षीय चांदनी, 6 वर्षीय शिवांश, 62 वर्षीय रामबेटी, 50 वर्षीय ईपू बाबू, 40 वर्षीय धनीराम, 40 वर्षीय मोक्षी और अन्य श्रद्धालु शामिल हैं। घायलों की सूची लंबी है, जिनमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग सभी शामिल हैं।

पुलिस अधिकारियों की भारी टीम पूरी रात घटनास्थल पर डटी रही। एसपी देहात डॉ. तेजवीर सिंह, एसपी क्राइम शंकर प्रसाद, एडीएम प्रमोद कुमार पांडेय, एसडीएम प्रतीक्षा पांडेय और सीओ पूर्णिमा सिंह के अलावा चार थानों का पुलिस बल मौके पर तैनात किया गया।

प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि सभी श्रद्धालु कासगंज जनपद के सोरो थाना क्षेत्र के रफातपुर और मिलकिनिया गांव के रहने वाले थे। वे रविवार शाम लगभग छह बजे राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले स्थित प्रसिद्ध गोगामेडी मंदिर में ‘जात लगाने’ के लिए ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार होकर निकले थे। रात करीब 2:15 बजे जब यह जत्था घटाल गांव के पास पहुंचा, तभी पीछे से तेज रफ्तार कंटेनर ने ट्रॉली को टक्कर मार दी।

एसएसपी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि हादसे में आठ लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 45 घायल हैं। इनमें से तीन की हालत नाजुक है और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है। ट्रैक्टर को सड़क से हटा दिया गया है और जिस कंटेनर ने हादसा किया, उसे पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। चालक की तलाश जारी है।

मृतकों की सूची में ईपू बाबू (40), रामबेटी (65), चांदनी (12), धनीराम (40), मोक्षी (40), शिवांश (6), योगेश (50) और विनोद (45) शामिल हैं। वहीं घायलों में रघुवीर (60), हरिसिंह (60), प्रिंस (8), मूलचंद (17), दिव्या (14), शकुंतला (65), पातीराम (75), मुस्कान (6), रजनीश (25) समेत कई लोगों के नाम दर्ज किए गए हैं।

घटना के बाद रफातपुर और मिलकिनिया गांवों में मातम छा गया है। जिन परिवारों ने अपने अपनों को खोया है, वहां चीख-पुकार मची हुई है। घायलों के परिजन अस्पतालों के बाहर बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। प्रशासन ने पीड़ित परिवारों को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है।

यह हादसा एक बार फिर सवाल खड़ा करता है कि ट्रैक्टर-ट्रॉली जैसे कृषि वाहन, जिनका मूल उद्देश्य माल ढुलाई है, उन्हें सवारियों के परिवहन के लिए क्यों इस्तेमाल किया जाता है। उत्तर प्रदेश और आसपास के राज्यों में लगातार ऐसे हादसे सामने आ रहे हैं, जिनमें श्रद्धालु यात्रा या किसी धार्मिक आयोजन में जाते समय दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं।

फिलहाल पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। प्रशासन ने पीड़ित परिवारों को राहत राशि देने और घायलों के इलाज में किसी तरह की लापरवाही न बरतने का निर्देश दिया है।

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