Thu, 18 Sep 2025 19:31:03 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: उत्सव तभी सार्थक होता है जब उसमें दूसरों की खुशियाँ जुड़ें। इसी संदेश को जीवंत रूप देते हुए वाराणसी कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिवस को भव्य जश्न नहीं, बल्कि सेवा के पवित्र पर्व के रूप में मनाया। यह आयोजन न केवल राजनीति की सीमाओं से परे था, बल्कि मानवता की मिसाल पेश करने वाला ऐसा दृश्य बना, जिसे देखकर हर उपस्थित व्यक्ति भावविभोर हो उठा।
कैंट विधायक ने संकल्प लिया है कि उनके घर में अब कोई भी विशेष अवसर, चाहे जन्मदिन हो, विवाह वर्षगांठ या कोई और व्यक्तिगत खुशी, केवल और केवल सेवा कार्यों को समर्पित रहेगा। इसी कड़ी में बुधवार को उन्होंने "अपना घर आश्रम" में निवास कर रहे 600 से अधिक वृद्धजनों के लिए विशेष भोजन का प्रबंध कर इस संकल्प को धरातल पर उतार दिया।
इस अवसर पर न केवल स्वादिष्ट भोजन और मिष्ठान्न परोसे गए, बल्कि विधायक ने अपने हाथों से थालियां सजाकर एक-एक बुजुर्ग को स्नेहपूर्वक भोजन परोसा। जब वृद्धजन विधायक से भोजन ग्रहण कर आशीर्वाद देने लगे, तो माहौल भावुक हो उठा। किसी ने कहा "आज हम फिर से अपने बेटे की छांव महसूस कर रहे हैं", तो किसी की आँखें नम हो उठीं।
विधायक श्रीवास्तव ने कहा, कि "हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी केवल देश के नेता नहीं, बल्कि हम सबके परिवार के सदस्य हैं। उनके जन्मदिवस पर प्रभुजनों की सेवा कर उनसे उनके दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य के लिए आशीष मांगना ही सबसे बड़ा उपहार है।"
इस पुण्य कार्य को और गरिमा प्रदान की भाजपा महानगर उपाध्यक्ष अभिषेक मिश्रा और पार्षद अमित सिंह चिंटू ने। दोनों ने आश्रम के वृद्धजनों से आत्मीय संवाद किया और आयोजन को सहजता और गर्मजोशी से भर दिया। उनकी मौजूदगी ने यह संदेश दिया कि सेवा का यह मार्ग केवल किसी एक का संकल्प नहीं, बल्कि पूरी टीम की साझा प्रतिबद्धता है।
आश्रम का हर कोना इस दिन आशीर्वादों और दुआओं की गूंज से भर गया। कई बुजुर्गों ने हाथ उठाकर प्रधानमंत्री की दीर्घायु की कामना की, तो वहीं कुछ ने विधायक की सेवा भावना को देख भावुक होकर आशीर्वचन दिए। आश्रम संचालकों ने भी इसे अभूतपूर्व क्षण बताया और कहा कि यह आयोजन न केवल बुजुर्गों के लिए, बल्कि समाज के लिए भी प्रेरणादायी है।
इस सेवा कार्य ने यह साबित कर दिया कि उत्सव का वास्तविक स्वरूप केवल रोशनी और मिठाइयों तक सीमित नहीं, बल्कि दूसरों के जीवन में खुशियों की किरण जगाना ही सच्चा उत्सव है। विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने जो उदाहरण पेश किया, वह केवल राजनीति की खबर नहीं, बल्कि समाज के लिए सीख है, कि सत्ता और पद की गरिमा तभी पूर्ण होती है, जब उसका उपयोग सेवा में हो।
इस अवसर ने मानवता की एक ऐसी नई तस्वीर उकेरी, जिसे शब्दों में बाँधना कठिन है। यह केवल भोजन परोसने का कार्य नहीं था, बल्कि वृद्धजनों के अकेलेपन को पलों भर के लिए मिटाकर उनके जीवन में अपनापन भरने का प्रयास था। और यही वह कलम की स्याही है, जो पाठकों के दिलों पर अमिट छाप छोड़ जाती है।