Wed, 29 Oct 2025 13:24:10 - By : Tanishka upadhyay
केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है, जिससे उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में खुशी की लहर है। इस फैसले से उत्तर प्रदेश के लगभग 15 लाख कर्मचारियों और करीब 8 लाख पेंशनधारियों को सीधा लाभ मिलने की उम्मीद है। अधिकारियों के अनुसार आयोग को अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिए 18 महीने का समय दिया गया है, हालांकि इसकी सिफारिशें आगामी वर्ष जनवरी से प्रभावी मानी जाएंगी।
पहले चरण में केंद्र सरकार के कर्मचारियों को इस आयोग का लाभ मिलेगा, जिसके बाद राज्य सरकारें अपनी स्वीकृति के उपरांत इसे लागू करेंगी। इस प्रक्रिया में उत्तर प्रदेश सरकार को भी केंद्र से अधिसूचना प्राप्त होने के बाद प्रस्ताव को राज्य कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद यह व्यवस्था प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों पर लागू की जाएगी।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद कर्मचारियों के वेतन में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और पेंशनधारियों को भी राहत मिलेगी। इससे राज्य के सरकारी विभागों, शिक्षकों, पुलिस कर्मियों और विभिन्न निगमों के कर्मचारियों में उत्साह का माहौल है। कई कर्मचारी संगठनों ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि इससे लंबे समय से चली आ रही वेतन असमानता दूर होगी और महंगाई के बोझ में भी कमी आएगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें न केवल कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करेंगी, बल्कि बाजार में भी क्रय शक्ति बढ़ने से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी। राज्य के वित्त विभाग ने संकेत दिए हैं कि केंद्र की सिफारिशों के अनुरूप आवश्यक वित्तीय आकलन प्रारंभ कर दिया गया है, ताकि इसे समय पर लागू किया जा सके।
यह निर्णय उन लाखों परिवारों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है जो लंबे समय से वेतन आयोग की घोषणा का इंतजार कर रहे थे। आने वाले महीनों में इसका असर पूरे सरकारी तंत्र और राज्य की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक रूप से देखने को मिलेगा।