Thu, 27 Nov 2025 20:45:11 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
मिर्जापुर/चंदौली: खनन क्षेत्र के बगहिया पत्थर खदान में बृहस्पतिवार सुबह हुए एक दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। रोज़ाना की तरह खदान में पत्थर लोडिंग का काम चल रहा था कि अचानक लोडर पोकलैंड की बकेट मुंशी जयहिंद उर्फ गोलू यादव (32) के सिर से टकरा गई। तेज़ удар के बाद मुंशी वहीं नीचे दब गया और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। हादसा इतना अचानक हुआ कि कुछ ही सेकंड में कामगार दहशत में आ गए।
मृतक जयहिंद, चंदौली के मुबारकपुर चकिया निवासी थे और बगहिया खदान में मुंशी के तौर पर तैनात थे। सुबह करीब सात बजे वे रोज़ की तरह ड्यूटी पर थे। लेकिन हादसे के तुरंत बाद जो घटनाक्रम सामने आया, उसने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
शव को पन्नी में लपेटकर ले जाने लगे कर्मचारी, ग्रामीणों ने किया पीछा
हादसे के बाद खदान परिसर में खलबली मच गई। बताया जाता है कि खदान पट्टा धारक से जुड़े कारिंदों ने आनन-फानन में शव को पन्नी में लपेटा और बिना सूचना दिए चारपहिया वाहन में डालकर घटनास्थल से भागने लगे। इसी बीच ग्रामीणों को मामले की भनक लग गई। उन्हें शक हुआ तो कई लोग बाइक से उस वाहन के पीछे लग गए।
चकिया बॉर्डर पार करते हुए अमरा गांव के पास ग्रामीणों ने वाहन को घेर लिया। जब गाड़ी रोकी गई तो उसमें पन्नी में लिपटा शव मिला, जिसके बाद आक्रोश और बढ़ गया। मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी।
पुलिस, प्रशासन और फोर्स मौके पर पहुँची, ग्रामीणों का हंगामा
सूचना मिलते ही चुनार और आसपास के इलाकों की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई। एसएसपी सोमेन बर्मा, एसडीएम चुनार राजेश कुमार वर्मा और सीओ मंजरी राव भी टीम के साथ वहां पहुंचे। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
इस बीच मृतक के परिजन भी घटनास्थल पर पहुंच गए। परिजनों और ग्रामीणों ने खदान प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। बढ़ते तनाव को देखते हुए चुनार, अदलहाट और जमालपुर थानों की अतिरिक्त फोर्स बुलाई गई।
अधिकारीयों ने परिजनों को सांत्वना देते हुए आर्थिक सहायता का भरोसा दिया, जिसके बाद काफी मशक्कत से वे शांत हो सके।
परिवार में कोहराम, दो छोटे बच्चे रोते-बिलखते रह गए
जयहिंद यादव की शादी अहरौरा थाना क्षेत्र के जिगना गांव की सुस्मिता यादव से हुई थी। उनके घर में तीन वर्ष की बेटी और डेढ़ वर्ष का बेटा है। युवक की अचानक मौत ने पूरे परिवार को सदमे में डाल दिया है। पत्नी और बच्चों की हालत देखकर ग्रामीण भी भावुक हो उठे।
सवालों के घेरे में खदान प्रबंधन: अगर हादसा था तो शव छुपाने की कोशिश क्यों?
मामले में सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि यदि यह सिर्फ एक हादसा था, तो फिर शव को पन्नी में लपेटकर चोरी-छिपे क्यों ले जाया जा रहा था? ग्रामीणों ने जब गाड़ी पकड़ी, तो खदान कर्मचारियों का कहना था कि वे “मदद के लिए ले जा रहे थे”, जबकि पन्नी में लिपटे शव की तस्वीरें और ग्रामीणों के आरोप इस कथन पर सवाल खड़े करते हैं।
परिजनों का कहना है कि घटना के बाद उन्हें तुरंत सूचना देनी चाहिए थी, लेकिन खदान कर्मचारियों ने पहले दुर्घटना को छिपाने की कोशिश की। यह भी चर्चा रही कि प्रबंधन द्वारा मामले को पैसे देकर दबाने की कोशिश की गई।
एक ग्रामीण ने बताया, “अगर यह सामान्य हादसा था तो परिवार को जानकारी देना चाहिए था। शव को गाड़ी में छिपाकर क्यों भाग रहे थे? पन्नी में लपेटकर कौन दवा कराने जाता है?”
पुलिस ने कहा, हादसे की जांच होगी, तहरीर मिली तो दर्ज होगी FIR
एसएसपी सोमेन बर्मा ने बताया कि प्राथमिक रूप से यह हादसा प्रतीत हो रहा है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा, “परिजन तहरीर देंगे तो प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी।”
राजनीतिक रसूखदारों की खदान, बढ़ सकता है मामला
बताया जाता है कि बगहिया खदान का पट्टा चंदौली के एक प्रभावशाली राजनीतिक नेता से जुड़ा हुआ है। इसी वजह से ग्रामीणों का गुस्सा और संदेह दोनों बढ़े हुए हैं। स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि घटना की पूरी जांच उच्च स्तर पर की जाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो।
हालांकि पुलिस ने जांच की बात कही है, परंतु ग्रामीण अब भी मानने को तैयार नहीं हैं कि मामला सिर्फ दुर्घटना तक सीमित है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि ग्रामीण समय पर वाहन को नहीं रोकते, तो शायद शव कहीं और ले जाकर मामला पूरी तरह दबा दिया जाता। यह बात भी चर्चा में है कि मुआवजे को लेकर पहले असहमति थी और बाद में दबाव में कुछ राशि दी गई।
फिलहाल पुलिस जांच जारी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और परिजनों की तहरीर के आधार पर आगे की कार्रवाई तय होगी।