Sat, 05 Jul 2025 14:51:42 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में वर्ष 2022 में हुए बहुचर्चित संजीव त्रिपाठी हत्याकांड के मुख्य आरोपियों में से एक, विनय कुमार द्विवेदी उर्फ बासू उर्फ गुरूजी, को लगभग तीन साल की फरारी के बाद उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी वाराणसी के बड़ागांव थाना क्षेत्र स्थित फत्तेपुर तिराहा से की गई। आरोपी विनय चित्रकूट जिले के मानिकपुर थाना क्षेत्र के चमरौहा गांव का निवासी है। एसटीएफ ने उसकी तलाशी के दौरान एक 315 बोर का तमंचा और दो जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं।
एसटीएफ वाराणसी फील्ड इकाई के पुलिस उपाधीक्षक शैलेश प्रताप सिंह ने जानकारी दी कि आरोपी से की गई प्रारंभिक पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। विनय ने बताया कि वह हाल ही में प्रतापगढ़ के एक लाख रुपये के इनामी अपराधी एजाज उर्फ सोनू के बुलावे पर वाराणसी आया था। वर्ष 2022 में, उसने एजाज, दानिश अंसारी, पप्पू दाढ़ी और प्रसून गुप्ता समेत अन्य साथियों के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के सकरी थाना क्षेत्र में संजीव त्रिपाठी की हत्या को अंजाम दिया था। पूछताछ में यह भी सामने आया कि हत्या की साजिश मृतक के सगे भाई कपिल त्रिपाठी ने ही रची थी। पारिवारिक रंजिश के चलते उसने अपने ही भाई संजीव की हत्या की सुपारी विनय और उसके गिरोह को दी थी।
गिरफ्तार आरोपी ने यह भी कबूला कि वर्ष 2019 में उसने अपने साथियों के साथ मिलकर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के छात्र गौरव सिंह बग्गा की हत्या की थी। उस मामले में वह वाराणसी जेल में निरुद्ध रहा, जहां उसकी मुलाकात सोनू उर्फ एजाज के भाई से हुई थी। जेल से छूटने के बाद विनय एजाज और उसके अन्य साथियों के संपर्क में आया और एक बार फिर अपराध की दुनिया में सक्रिय हो गया।
एसटीएफ अधिकारियों के अनुसार, आरोपी बेहद शातिर और अपराध की साजिशों में माहिर है। उसकी गिरफ्तारी के साथ न सिर्फ एक पुराने हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने में मदद मिली है, बल्कि उत्तर भारत के कई जिलों में सक्रिय अपराधियों के नेटवर्क को भी तोड़ने में सफलता प्राप्त हुई है। गिरफ्तारी की इस कार्रवाई में एसटीएफ वाराणसी फील्ड इकाई के उपनिरीक्षक अंगद यादव, शाहजादा खां, और विनय मौर्य की अहम भूमिका रही।
एसटीएफ ने आरोपी को स्थानीय पुलिस के सुपुर्द कर दिया है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है। छत्तीसगढ़ पुलिस से भी इस संबंध में समन्वय किया जा रहा है ताकि वहां दर्ज मामले की जांच को गति दी जा सके। अधिकारी यह भी पता लगा रहे हैं कि इस गैंग ने हाल के वर्षों में और किन-किन घटनाओं को अंजाम दिया है।