Mon, 22 Sep 2025 10:47:54 - By : Garima Mishra
वाराणसी: शारदीय नवरात्र की शुरुआत होते ही वाराणसी के चिरईगांव और आसपास के इलाकों में दुर्गा पूजा पंडालों में भक्तों का उत्साह साफ दिखाई दे रहा है। जगह-जगह देवी की प्रतिमाओं की स्थापना की गई है और श्रद्धालु पूजा अर्चना के लिए उमड़ रहे हैं। हालांकि इस उल्लास के बीच प्रतिमा विसर्जन को लेकर एक गंभीर चिंता भी लोगों के सामने खड़ी हो गई है। सोनबरसा तालाब, जिसे विसर्जन स्थल के रूप में चिह्नित किया गया है, इस समय सूखा पड़ा हुआ है। तालाब के चारों ओर धूल उड़ रही है और पानी की जगह वहां भेड़ और बकरियां आराम से घूम रही हैं।
यह तालाब केवल चिरईगांव ही नहीं बल्कि सोनबरसा, चौबेपुर, चंद्रावती, बर्थराकलां, उमरहां और खरगीपुर जैसे 24 से अधिक गांवों के पूजा आयोजनों के लिए प्रतिमा विसर्जन का प्रमुख स्थान है। ऐसे में सूखे तालाब ने आयोजकों और श्रद्धालुओं की चिंता और भी बढ़ा दी है। तालाब में पानी पहुंचाने का एकमात्र साधन 40 मीटर लंबी कच्ची नाली है, लेकिन उसकी सफाई अब तक नहीं हुई है। नलकूप ऑपरेटरों का कहना है कि अगर बिजली की नियमित आपूर्ति भी शुरू हो जाए तो तालाब को भरने में कम से कम पंद्रह दिन का समय लगेगा। इस देरी से साफ हो जाता है कि नवरात्रि की अवधि में तालाब का भरना लगभग असंभव है।
स्थानीय निवासी गोपाल लाल, अनंत लाल श्रीवास्तव, सरोजनी श्रीवास्तव, बबलू पटेल, दुर्ग विजय चौबे और तारा देवी का कहना है कि हर साल पंचायत विभाग इस तालाब की सफाई और रखरखाव के लिए बजट जारी करता है। लेकिन इसके बावजूद न तो तालाब की सफाई होती है और न ही पानी की व्यवस्था समय पर की जाती है। उनका आरोप है कि कागजों पर तो खर्च दिखा दिया जाता है लेकिन जमीनी हकीकत हमेशा उपेक्षा और लापरवाही की शिकार रहती है।
इस मामले में पंचायत स्तर पर भी आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। एडीओ पंचायत कमलेश सिंह ने साफ तौर पर ग्राम प्रधान को लापरवाह ठहराते हुए कहा है कि यदि प्रधान सक्रिय रहते तो तालाब की सफाई समय पर हो जाती। वहीं पंचायत सचिव राजेश वर्मा ने सफाई दी कि उन्होंने हाल ही में पदभार संभाला है और वे समय रहते सफाई कराने का प्रयास करेंगे। हालांकि ब्लॉक विकास अधिकारी से इस विषय पर संपर्क नहीं हो सका जिससे अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल और भी गहराने लगे हैं।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन और पंचायत स्तर पर कितनी तेजी से इस समस्या का समाधान निकाला जाता है। भक्त और आयोजन समिति के सदस्य आशंका जता रहे हैं कि अगर तालाब में पानी की आपूर्ति नहीं हुई तो विसर्जन की प्रक्रिया पर गंभीर संकट खड़ा हो जाएगा। इस बीच श्रद्धालु उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार और प्रशासन नवरात्रि जैसे महत्वपूर्ण पर्व की गरिमा को बचाने के लिए जल्द से जल्द आवश्यक कदम उठाए।