मुरादाबाद: नन्ही वाची को मिला सपनों का स्कूल, सीएम योगी को किया धन्यवाद

मुरादाबाद की वाची का एक वायरल वीडियो के बाद, CM योगी आदित्यनाथ के हस्तक्षेप से प्रतिष्ठित सीएल गुप्ता वर्ल्ड स्कूल में दाखिला हुआ, जो एक बच्चे के अधिकार और सिस्टम की तत्परता का प्रमाण है।

Wed, 25 Jun 2025 21:43:06 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

मुरादाबाद: एक बच्ची की दृढ़ इच्छाशक्ति, माता-पिता की उम्मीद और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की संवेदनशीलता। इन तीनों का असर ऐसा हुआ कि मुरादाबाद की रहने वाली वाची का दाखिला अब जिले के एक प्रतिष्ठित निजी विद्यालय सीएल गुप्ता वर्ल्ड स्कूल में हो चुका है। यह कहानी न केवल एक बच्चे के अधिकार की जीत है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि अगर आवाज सही मंच पर उठे, तो सिस्टम भी तुरंत हरकत में आ सकता है।

आपको बताते चले कि, बीते दिनों एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसमें वाची नाम की एक छोटी बच्ची मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में उनसे मुलाकात करती नजर आई। लखनऊ स्थित मुख्यमंत्री आवास में पहुंचकर वाची ने पूरे आत्मविश्वास के साथ मुख्यमंत्री से अपने स्कूल में दाखिले की गुहार लगाई थी। इस सादगी और साहस से भरे दृश्य ने लाखों लोगों का दिल जीत लिया और खुद मुख्यमंत्री भी भावुक हो उठे। उन्होंने तुरंत अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बच्ची को तुरंत स्कूल में दाखिला दिलाया जाए।

मुख्यमंत्री के आदेश के कुछ ही दिनों में प्रक्रिया पूरी की गई और वाची को मुरादाबाद के सीएल गुप्ता वर्ल्ड स्कूल में औपचारिक रूप से दाखिल कर लिया गया। यह स्कूल मुरादाबाद के सबसे प्रतिष्ठित और महंगे निजी स्कूलों में गिना जाता है, और अब वाची वहां शिक्षा ग्रहण करेगी। सोमवार को जब वाची स्कूल के पहले दिन के लिए निकली तो उत्साह से लबरेज थी। उसने घर से निकलने से पहले ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाया और स्कूल से लौटने पर ‘हर हर महादेव’ के जयघोष के साथ अपनी खुशी जाहिर की। यह उसकी धार्मिक आस्था के साथ-साथ आत्मविश्वास का भी प्रतीक बना।

वाची के स्कूल पहुंचने के बाद परिजनों की खुशी भी देखते ही बनती थी। मिठाइयां बांटी गईं, पड़ोसियों और रिश्तेदारों ने बधाइयां दीं और सबसे बढ़कर माता-पिता की आंखों में वह तसल्ली थी जो लंबे समय से उन्हें नहीं मिली थी। वाची की मां प्राची और पिता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति आभार जताया और कहा कि अब उनका सपना साकार हुआ है। उन्होंने बताया कि पिछले तीन महीने से वे लगातार अपनी बेटी के दाखिले के लिए अलग-अलग स्कूलों के चक्कर काट रहे थे, लेकिन हर जगह से निराशा हाथ लगती रही।

जनता दरबार में पहुंचे वाची के परिवार ने जब अपनी परेशानी को सामने रखा, तो मुख्यमंत्री ने ना सिर्फ ध्यान दिया बल्कि त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की। यह मामला दिखाता है कि प्रदेश की शासन व्यवस्था में यदि व्यक्ति सीधे संवाद कर सके, तो समाधान संभव है। इस घटना ने यह भी दिखा दिया कि एक आम नागरिक भी अपनी आवाज बुलंद करे तो असर होता है।बशर्ते मंच सही हो और बात सच्ची।

अब वाची का दाखिला हो चुका है और वह शिक्षा की नई यात्रा पर निकल पड़ी है। एक बच्ची की पढ़ाई की यह शुरुआत महज एक व्यक्तिगत कहानी नहीं रही, यह अब एक प्रेरणा बन गई है। ऐसी प्रेरणा जो न सिर्फ गरीब या वंचित परिवारों को हौसला देती है, बल्कि शासन-प्रशासन को भी यह याद दिलाती है कि बच्चों की पढ़ाई और भविष्य से जुड़ी समस्याओं को संवेदनशीलता और तत्परता से हल किया जाना कितना जरूरी है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस कदम की व्यापक सराहना हो रही है और सोशल मीडिया पर भी लोगों ने इस फैसले की प्रशंसा की है। यह घटना न केवल वाची के जीवन में बदलाव लेकर आई है, बल्कि उत्तर प्रदेश की शासन प्रणाली में जनता और सत्ता के बीच सकारात्मक संवाद की एक मिसाल भी पेश कर रही है।

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