Sat, 01 Nov 2025 14:13:26 - By : Garima Mishra
गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित गोरखपुर पुस्तक महोत्सव 2025 का शुभारंभ किया। यह पुस्तक मेला 1 नवंबर से 9 नवंबर तक चलेगा। इसका आयोजन नेशनल बुक ट्रस्ट और डीडीयू विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में किया गया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बच्चों को पुस्तकें भेंट कीं और विद्यार्थियों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि व्यक्ति की सबसे सही मार्गदर्शक और सच्ची साथी अच्छी पुस्तकें होती हैं। भारत की श्रवण परंपरा और गुरु-शिष्य परंपरा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे ऋषियों ने ज्ञान को लिपिबद्ध कर आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने की अद्भुत परंपरा विकसित की है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह पुस्तक महोत्सव अगले 9 दिनों तक 200 से अधिक स्टॉलों के माध्यम से गोरखपुर और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों को अपनी रुचि की पुस्तकें खरीदने और पढ़ने का शानदार अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि पीएम मोदी हमेशा कहते हैं "वेन सिटिजन, कंट्री लीड", यानी जब नागरिक पढ़ते हैं तभी देश आगे बढ़ता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर की भूमि विशेष है क्योंकि पिछले 100 वर्षों से गीता प्रेस भारत और विश्व में सनातन धर्म की विचारधारा को अपनी पुस्तकों के माध्यम से पहुंचा रहा है। उन्होंने साहित्यकार फिराक गोरखपुरी, मुंशी प्रेमचंद, प्रो. विश्वनाथ त्रिपाठी और हाल ही में दिवंगत हुए श्रीराम दरस मिश्र को श्रद्धांजलि अर्पित की।
सीएम योगी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार प्रदेशभर में पुस्तकालयों का जाल बिछा रही है। प्रदेश की 57,600 ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालयों के साथ पुस्तकालय स्थापित किए गए हैं। 1.56 लाख से अधिक प्राथमिक विद्यालयों में से 1.36 लाख विद्यालयों का कायाकल्प किया गया है, जिनमें पुस्तकालय और डिजिटल लाइब्रेरी की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि पुस्तकें हमेशा नई प्रेरणा देती हैं और हमें उनसे जुड़ना चाहिए। अगले 9 दिनों में कई विमर्श, परिचर्चाएं, पुस्तकों के विमोचन और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि गोरखपुर विश्वविद्यालय सहित शहर की सभी संस्थाओं को इस आयोजन में भाग लेना चाहिए ताकि पढ़ने की संस्कृति को मजबूत किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने युवाओं से अपील की कि वे स्मार्टफोन पर अनावश्यक समय व्यर्थ न करें और अपने समय का सदुपयोग पुस्तकों के अध्ययन में करें। उन्होंने कहा कि स्मार्टफोन पर बढ़ती निर्भरता युवाओं में अवसाद और विचलन को बढ़ा रही है। प्रधानमंत्री मोदी की पुस्तक "एग्जाम वारियर्स" को हर विद्यार्थी को पढ़ना चाहिए क्योंकि यह जीवन के कठिन समय में मार्गदर्शन प्रदान करती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि धार्मिक, पर्यावरणीय, तकनीकी और एआई से जुड़ी पुस्तकों से हमें ज्ञान और प्रेरणा मिलती है। अच्छी पुस्तकें न केवल परीक्षा में मदद करती हैं बल्कि जीवन को भी सकारात्मक दिशा देती हैं।