Sun, 28 Dec 2025 11:35:47 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
नई दिल्ली: भारतीय राजनीति के इतिहास में सबसे पुरानी पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने आज अपना 140वां स्थापना दिवस अत्यंत गरिमा और उत्साह के साथ मनाया। इस ऐतिहासिक अवसर पर दिल्ली स्थित इंदिरा भवन में एक विशेष समारोह का आयोजन किया गया, जहाँ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राष्ट्रीय ध्वज फहराकर कार्यक्रम की शुरुआत की। इस दौरान माहौल में एक अलग ही ऊर्जा देखने को मिली, जब मंच पर कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत पार्टी के तमाम वरिष्ठ दिग्गज मौजूद रहे। खरगे ने ध्वजारोहण के बाद अपने संबोधन में न केवल पार्टी के 140 वर्षों के गौरवशाली इतिहास को याद किया, बल्कि देश के वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य और चुनौतियों पर भी खुलकर बात की। उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस महज एक राजनीतिक दल नहीं, बल्कि एक विचार है जो पिछले सवा सौ साल से भी अधिक समय से भारत की आत्मा में बसा हुआ है।
अपने विस्तृत संबोधन में मल्लिकार्जुन खरगे ने भावुक होते हुए पार्टी के उन तमाम गुमनाम नायकों और शीर्ष नेतृत्व को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने देश के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का इतिहास त्याग और बलिदान की स्याही से लिखा गया है। खरगे ने याद दिलाया कि कैसे 28 दिसंबर 1885 को मुंबई (तत्कालीन बंबई) में शुरू हुआ यह सफर आज वटवृक्ष का रूप ले चुका है। उन्होंने महात्मा गांधी के नेतृत्व का जिक्र करते हुए कहा कि बापू ने जिस तरह गरीबों, किसानों और वंचितों की आवाज बुलंद की, उसी रास्ते पर चलते हुए पार्टी ने हमेशा देश के समावेशी विकास को प्राथमिकता दी है। खरगे ने विशेष रूप से इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के बलिदान को रेखांकित करते हुए कहा कि इन नेताओं ने देश की एकता, अखंडता और धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी, लेकिन कभी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। उनका कहना था कि पिछले 62 वर्षों में करोड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जेल जाकर और लाठियां खाकर जिस आजादी को हासिल किया और सहेजा, आज उस पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
समारोह के दौरान खरगे ने यूपीए सरकार (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) के कार्यकाल को 'जनता के अधिकारों का स्वर्णकाल' करार दिया। सोनिया गांधी के नेतृत्व और डॉ. मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री काल को याद करते हुए उन्होंने कहा कि वह दौर केवल शासन करने का नहीं, बल्कि जनता को उनका हक देने का था। खरगे ने गर्व के साथ गिनाया कि कांग्रेस ने ही देश को सूचना का अधिकार (RTI), शिक्षा का अधिकार (RTE), और खाद्य सुरक्षा जैसे क्रांतिकारी कानून दिए। उन्होंने मनरेगा (MGNREGA) का जिक्र करते हुए कहा कि इसने ग्रामीण भारत की तस्वीर बदल दी, जबकि वन अधिकार कानून और भूमि अधिग्रहण कानून ने आदिवासियों और किसानों को सुरक्षा कवच प्रदान किया। उनका स्पष्ट संदेश था कि कांग्रेस ने हमेशा सत्ता का उपयोग आम आदमी के सशक्तिकरण के लिए किया है, न कि उसे दबाने के लिए।
अपने भाषण के दूसरे हिस्से में कांग्रेस अध्यक्ष ने केंद्र की मोदी सरकार पर अब तक का सबसे तीखा हमला बोला। पिछले 11 वर्षों के कार्यकाल की आलोचना करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार सुनियोजित तरीके से उन संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर कर रही है जिन्हें कांग्रेस ने खून-पसीने से खड़ा किया था। खरगे ने कड़े शब्दों में कहा कि आरएसएस और भाजपा के नेता आज राष्ट्रीय प्रतीकों तिरंगे, संविधान, अशोक चक्र और वंदे मातरम् का अनादर कर रहे हैं, जो देश के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने आगाह किया कि आज देश में लोकतंत्र और संविधान पर खतरा मंडरा रहा है और सत्ताधारी दल जनता के मौलिक अधिकारों को छीनने का प्रयास कर रहा है। खरगे का कहना था कि जिसका स्वतंत्रता संग्राम से कोई वास्ता नहीं रहा, वह आज देशभक्ति की परिभाषा तय करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन कांग्रेस अपने संस्थापकों के सपनों के भारत के लिए संघर्ष करना जारी रखेगी।
इतिहास के पन्नों को पलटते हुए यह दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि आज ही के दिन, 28 दिसंबर 1885 को मुंबई के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत कॉलेज में 72 प्रतिनिधियों की मौजूदगी में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की नींव रखी गई थी। ए.ओ. ह्यूम द्वारा स्थापित और व्योमेश चंद्र बनर्जी की अध्यक्षता में शुरू हुई यह यात्रा आज 140वें वर्ष में प्रवेश कर चुकी है। स्थापना दिवस के इस मौके पर पार्टी ने एक बार फिर देशवासियों को यह भरोसा दिलाया कि वह अपने मूल आदर्शों लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध रहेगी। खरगे ने देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए आह्वान किया कि वे देश की लोकतांत्रिक जड़ों को मजबूत करने के लिए कांग्रेस के इस संघर्ष में साथ आएं।