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अयोध्या-वाराणसी हाई स्पीड कॉरिडोर की डीपीआर प्रक्रिया शुरू, यात्रा होगी तेज और धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

अयोध्या-वाराणसी हाई स्पीड कॉरिडोर की डीपीआर प्रक्रिया शुरू, यात्रा होगी तेज और धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने अयोध्या-वाराणसी हाई स्पीड कॉरिडोर के लिए डीपीआर प्रक्रिया शुरू की, जिससे यात्रा तेज होगी और धार्मिक पर्यटन बढ़ेगा।

रामनगरी को एक और बड़ी आधारभूत उपलब्धि मिलने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ा है। अयोध्या और वाराणसी को जोड़ने वाले हाई स्पीड एक्सेस कंट्रोल कॉरिडोर की योजना को आगे बढ़ाते हुए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने इसके लिए डीपीआर तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए कंसल्टेंट एजेंसी के चयन को लेकर निविदा आमंत्रित की गई है। परियोजना के पूर्ण होने के बाद रामनगरी और काशी के बीच यात्रा न केवल तेज होगी बल्कि धार्मिक पर्यटन को भी नई गति मिलेगी।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना निदेशक अवनीश सिद्धार्थ ने बताया कि फिलहाल डीपीआर तैयार करने के लिए कंसल्टेंट एजेंसी का चयन किया जाना है। चयन के बाद सर्वे और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने में लगभग डेढ़ वर्ष का समय लग सकता है। प्रस्तावित कॉरिडोर सिक्स लेन का होगा जिसे आधुनिक मानकों के अनुसार विकसित किया जाएगा ताकि यातायात सुगम और सुरक्षित बना रहे।

इस कॉरिडोर के निर्माण से अयोध्या और वाराणसी के बीच दूरी में लगभग पचास किलोमीटर की कमी आएगी। वर्तमान में यह दूरी लगभग ढाई सौ किलोमीटर के आसपास है जो घटकर करीब दो सौ किलोमीटर रह जाएगी। यात्रा समय भी चार से पांच घंटे से घटकर लगभग दो घंटे में सिमट जाएगा। समय की इस बचत से श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बड़ी राहत मिलेगी और दोनों धार्मिक नगरीयों के बीच आवागमन आसान हो जाएगा।

नमामि गंगे भाजपा के जिला संयोजक बृजेश त्रिपाठी ने बताया कि लगभग दो वर्ष पूर्व केंद्र सरकार की ओर से इस परियोजना के लिए ड्रोन सर्वे कराया गया था। मयाबाजार ब्लाक क्षेत्र में बबुआपुर और वंदनपुर के आसपास खेतों में निशान लगाकर सर्वे किया गया था। इसी मार्ग से आगे चलकर कॉरिडोर अंबेडकरनगर जिले में प्रवेश करेगा। जानकारी के अनुसार रामपुर हलवारा को इसका जीरो प्वाइंट माना जा रहा है।

दशरथ समाधि से सीधे जुड़ने की योजना के कारण वाराणसी से अयोध्या पहुंचना और अधिक सहज हो जाएगा। आगे चलकर यह मार्ग अंबेडकरनगर से होते हुए पूर्वांचल क्षेत्र और अयोध्या में प्रयागराज तथा चित्रकूट से भी जुड़ेगा। काशी अयोध्या और चित्रकूट के बीच बेहतर कनेक्टिविटी बनने से धार्मिक और सांस्कृतिक यात्राएं कहीं अधिक सुविधाजनक हो जाएंगी।

हालांकि इस हाई स्पीड कॉरिडोर के निर्माण में अभी समय लगेगा लेकिन उससे पहले अयोध्या में प्रस्तावित सड़सठ किलोमीटर लंबा रिंग रोड वर्ष 2027 तक पूरा होने की संभावना है। लगभग पच्चीस सौ करोड़ रुपये की इस परियोजना से अयोध्या के साथ साथ गोंडा और बस्ती जिले भी जुड़ेंगे। रिंग रोड के पूरा होने के बाद इन जिलों के बीच आवागमन और कनेक्टिविटी में भी उल्लेखनीय सुधार देखने को मिलेगा।

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