Wed, 10 Dec 2025 07:36:55 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: रामनगर काशी की प्राचीन पहचान, ऐतिहासिक धरोहर और देश–विदेश के सैलानियों को आकर्षित करने वाले रामनगर किले में एक बार फिर विवाद की आग भड़क उठी है। विरासत की दीवारों के बीच उपजा यह तनाव न सिर्फ परिवार के अंदरूनी मतभेदों को उजागर करता है, बल्कि किले परिसर में हो रहे कामों और उन पर उठते सवालों को भी फिर चर्चाओं के केंद्र में ले आया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार की शाम किले के बाहर पुराने जर्जर टिनशेड को हटाकर नया टिनशेड लगाए जाने को लेकर भाई–बहन के बीच अचानक विवाद शुरू हो गया। मामला मिनटों में इतना बढ़ा कि विश्व संस्कृत प्रतिष्ठानम के निकट चल रहे इस काम की खबर पुलिस तक पहुंच गई। अनंत नारायण सिंह के सुरक्षाधिकारी राजेश शर्मा ने थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और वहां काम कर रहे दो मजदूरों को हिरासत में लेकर थाने चली गई।
इसी दौरान, काशी नरेश महाराज विभूतिनारायण सिंह की पुत्री कृष्ण प्रिया के पुत्र वल्लभ नारायण सिंह की सुरक्षा कर्मचारियों बीच भी तीखी बहस और आरोप–प्रत्यारोप का दौर छिड़ गया। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि स्थिति कुछ देर तक काफी तनावपूर्ण बनी रही और पुलिस को हस्तक्षेप कर मामला शांत कराना पड़ा।
राजकुमारी कृष्ण प्रिया का कहना है कि विश्व संस्कृत प्रतिष्ठानम के बाहर कुछ वर्ष पहले लगाए गए टिनशेड पूरी तरह जर्जर हो चुके थे और उन्हें बदलना आवश्यक था। लेकिन इसी काम को लेकर अनावश्यक विवाद खड़ा किया जा रहा है। उनका आरोप है कि कोई भी नया निर्माण नहीं हो रहा, सिर्फ टूटे हुए टिनशेड को बदलने का काम किया जा रहा था। इसके बावजूद अनंत नारायण सिंह के कर्मचारी पुलिस का सहारा लेकर बेवजह दबाव बना रहे हैं।
दूसरी ओर, सुरक्षा अधिकारी राजेश कुमार शर्मा ने स्पष्ट कहा कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है और कोर्ट से ‘स्टे’ आदेश जारी है। आदेश में साफ लिखा है कि किसी भी तरह का नया निर्माण नहीं किया जाएगा। उनका आरोप है कि इसके बावजूद कृष्ण प्रिया द्वारा आदेश की अवहेलना करते हुए निर्माण कार्य कराने की कोशिश की जा रही थी। साथ ही यह भी दावा किया कि मना करने पर उनके कर्मचारियों को जान से मारने की धमकियां भी दी गईं।
थाना प्रभारी दुर्गा सिंह ने बताया कि विवाद पूरी तरह पारिवारिक है, लेकिन स्थल किले जैसा ऐतिहासिक स्थान होने के कारण कोई भी गतिविधि संवेदनशील मानी जाती है। निर्माण पर आई शिकायत के बाद पुलिस ने तत्काल पहुंचकर काम रुकवाया और स्पष्ट कर दिया कि कोर्ट के आदेश के विरुद्ध कोई नया निर्माण नहीं होने दिया जाएगा। दोनों पक्षों को शांति बनाए रखने और प्रक्रिया कानूनन आगे बढ़ाने की सलाह दी गई है।
रामनगर किले में यह विवाद पहली बार नहीं है। विरासत से जुड़े अधिकार, व्यवस्थापन और भवनों की मरम्मत–सुधार को लेकर पहले भी कई बार तनाव के हालात बने हैं। लेकिन इस बार के विवाद ने स्पष्ट कर दिया है कि पारिवारिक असहमति और संवैधानिक अनुमति के बीच टकराव अभी समाप्त नहीं हुआ है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि किला न सिर्फ ऐतिहासिक धरोहर है, बल्कि काशी की जीवंत संस्कृति का प्रतीक भी है। ऐसे में बार–बार होने वाले विवादों की वजह से इसकी प्रतिष्ठा और संरक्षण व्यवस्था दोनों प्रभावित होती हैं।
अब नजरें इस बात पर टिकी हैं कि न्यायालय इस चल रहे विवाद पर कब और क्या निर्णय देता है, और क्या किले की दीवारों के भीतर यह तनाव थमेगा या आने वाले दिनों में फिर कोई नया मोड़ लेगा।