Wed, 10 Dec 2025 13:36:17 - By : Palak Yadav
वाराणसी में सात वर्ष की बच्ची अनाया की मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है। रेटिना सर्जरी के बाद अचानक हुई अनाया की मौत को लेकर परिवार की अपील पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने बुधवार को भेलूपुर थाने को एसजी आई हॉस्पिटल के खिलाफ संबंधित धाराओं में FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मामले को गंभीर चिकित्सीय लापरवाही मानते हुए पुलिस को निष्पक्ष विवेचना के निर्देश भी दिए हैं।
परिजनों के अनुसार अनाया को 14 अक्टूबर को एसजी आई हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। बच्ची पहले से स्वस्थ थी और उसे सिर्फ रेटिना सर्जरी के लिए लाया गया था। परिवार का आरोप है कि सर्जरी से पहले एनेस्थीसिया की अधिक मात्रा देने के कारण उसकी हालत बिगड़ी और उसे महमूरगंज के एक अन्य अस्पताल में रेफर कर दिया गया। यहां भी बच्ची की वास्तविक स्थिति के बारे में परिवार को स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई और कुछ ही घंटों में उसकी मृत्यु हो गई।
कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा कि एनेस्थीसिया की गलत खुराक, ऑक्सीजन की उपलब्धता, पोस्ट ऑपरेटिव मॉनिटरिंग और रेसुसिटेशन जैसी जरूरी चिकित्सीय प्रक्रियाओं का पालन न करना गंभीर लापरवाही है। इसी आधार पर अदालत ने पुलिस को इस प्रकरण में उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
बच्ची की मौत के बाद अक्टूबर माह में परिवार ने अस्पताल परिसर में हंगामा किया था। परिजनों ने इस घटना को लापरवाही का परिणाम बताते हुए जिलाधिकारी से अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने की मांग की थी। भेलूपुर थाने में तहरीर देने के बावजूद FIR दर्ज न होने पर परिवार कोर्ट पहुंचा, जहां से उन्हें न्यायिक हस्तक्षेप मिला।
अनाथा के पिता रिजवान ने कहा कि बेटी की आंख में दर्द और धुंधलापन था। जांच के बाद रेटिना सर्जरी बताई गई और उसे Matcare अस्पताल में भेजा गया, जहां ऑपरेशन हुआ। डॉक्टर ने सर्जरी के बाद बच्ची के स्वस्थ होने की बात कही थी, लेकिन उसी रात उसकी मृत्यु हो गई। परिवार को अंतिम समय तक मृत्यु का वास्तविक कारण नहीं बताया गया और बाद में कार्डियोरेस्परेटरी फेलियर बताया गया।
अब कोर्ट के आदेश के बाद केस में नई दिशा आती दिख रही है। परिवार को उम्मीद है कि FIR दर्ज होने के बाद दोषियों की जिम्मेदारी तय होगी और बच्ची को न्याय मिलेगा।