Sun, 30 Nov 2025 00:55:03 - By : SUNAINA TIWARI
देहरादून : जिला प्रशासन ने एक गंभीर उपभोक्ता शिकायत पर सख्त कार्रवाई करते हुए एचडीएफसी एर्गो GIC लिमिटेड के खिलाफ 8.11 लाख रुपये की रिकवरी आरसी जारी कर दी है। यह कार्रवाई उस शिकायत के बाद की गई जिसमें एक विधवा महिला को उसके पति की मृत्यु के बाद भी ऋण चुकाने के लिए लगातार परेशान किया जा रहा था। जिलाधिकारी सविन बंसल ने निर्देश दिए कि यदि पांच दिन के भीतर ऋण माफ नहीं किया गया तो कंपनी की संपत्ति कुर्क कर नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने इसे ऋण बीमा धोखाधड़ी की श्रेणी में माना है।
शिकायतकर्ता सुप्रिया नौटियाल ने 15 नवंबर को जनता दरबार में जिलाधिकारी के सामने अपनी समस्या रखी। उन्होंने बताया कि उनके दिवंगत पति प्रदीप रतूड़ी ने वाहन खरीदने के लिए एचडीएफसी बैंक से 8.11 लाख रुपये का ऋण लिया था। बैंक की ओर से बताया गया था कि ऋण के लिए बीमा कराना अनिवार्य प्रक्रिया है, जिसके बाद प्रदीप रतूड़ी ने एचडीएफसी एर्गो GIC लिमिटेड से बीमा करा लिया। आरोप है कि बीमा से संबंधित दस्तावेज कभी भी डाक या किसी अन्य माध्यम से उपलब्ध नहीं कराए गए और न ही ऋण बीमा की शर्तों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
पति की मृत्यु के बाद सुप्रिया से बैंक की ओर से लगातार ऋण चुकाने का दबाव बनाया जा रहा था। वह बार बार बैंक अधिकारियों से कह रही थीं कि ऋण का बीमा किया गया था, लेकिन बैंक ने मामले को बीमा कंपनी के पास भेज दिया। सुप्रिया का कहना है कि वाहन उठाने की धमकी देकर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। बीमा पॉलिसी होने के बाद भी कंपनी ने दावा निपटान की प्रक्रिया पूरी नहीं की और मामला लंबित रखा, जिसके कारण एकलौती कमाने वाले सदस्य के निधन के बाद परिवार पर आर्थिक दबाव और बढ़ गया।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने शिकायत की जांच के बाद पाया कि ऋण का बीमा वास्तव में मौजूद था और कंपनी की ओर से लापरवाही हुई है। इसके बाद एचडीएफसी एर्गो GIC के खिलाफ 8.11 लाख रुपये की आरसी काटते हुए कंपनी को चेतावनी दी गई कि निर्धारित समय में ऋण माफी न होने पर उनकी संपत्ति कुर्क कर नीलामी की जाएगी। तहसीलदार सदर को निर्देश दिया गया कि यह राशि एनसीआर डेवलपर्स, 24A न्यू कैन्टोनमेंट रोड विजय कालोनी स्थित एचडीएफसी एर्गो कार्यालय से वसूली जाए।
जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि कई अन्य बैंक और वित्तीय संस्थान भी प्रशासन की निगरानी में हैं। उन्हें लगातार ऐसे मामले मिल रहे हैं जिनमें बीमित ऋण होने के बावजूद उपभोक्ताओं को परेशान किया जा रहा है। इन मामलों में भी संबंधित कंपनियों की संपत्ति कुर्क करने और कार्यालयों को सील करने जैसी कार्रवाई की जा रही है। बढ़ते ऋण बीमा धोखाधड़ी के मामलों पर जिलाधिकारी ने सभी बैंक और वित्तीय संस्थानों को सुधार लाने और पारदर्शिता बढ़ाने की सख्त चेतावनी दी है।