Thu, 13 Nov 2025 12:21:54 - By : Shriti Chatterjee
दिल्ली ब्लास्ट की जांच अब एक नए और गंभीर मोड़ पर पहुंच गई है। आतंकवाद से जुड़े इस मामले में एटीएस ने बुधवार सुबह कानपुर के हृदय रोग संस्थान में तैनात कार्डियोलॉजिस्ट डॉ मोहम्मद आरिफ को हिरासत में लिया। वह जम्मू कश्मीर के अनंतनाग के निवासी हैं और हाल ही में डीएम कार्डियोलॉजी के लिए कानपुर आए थे। टीम ने उनके घर और कार्यस्थल से महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ उनका लैपटॉप और मोबाइल फोन जब्त किया और इसके बाद उन्हें पूछताछ के लिए दिल्ली ले जाया गया है। शुरुआती जानकारी के अनुसार डॉ आरिफ का संपर्क डॉ शाहीन और उसके भाई परवेज से था, जो इस समय आतंकवाद से जुड़े मामले में जांच के दायरे में हैं और जिनकी गतिविधियों को लेकर एजेंसियां पहले से सतर्क थीं।
जांच में यह भी सामने आया है कि डॉ आरिफ की डिजिटल डिवाइस से कुछ संदिग्ध डेटा मिला है जिसके आधार पर सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि वह किसी न किसी रूप में इस नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं। इसी वजह से उन्हें दिल्ली ले जाकर आमने सामने बैठाकर पूछताछ की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी। इस कदम के बाद कानपुर के पूरे मेडिकल नेटवर्क में हलचल मच गई है। एटीएस और एनआईए की टीमें दिनभर कैंपस और हॉस्टल में मौजूद रहीं और कई डॉक्टरों तथा छात्रों से बातचीत करती रहीं। कुछ रेजीडेंट डॉक्टरों को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया था जिनमें से कुछ को बाद में छोड़ दिया गया।
कानपुर मेडिकल कॉलेज प्रशासन और आरिफ के सहकर्मियों के मुताबिक वह शांत स्वभाव के छात्र थे, अपनी क्लास लेते थे और अपने काम में ही रहते थे। कॉलेज में हर साल कश्मीर से छात्र पढ़ने आते हैं और आरिफ को यहां आए केवल पांच से छह महीने हुए हैं। इसके बावजूद एटीएस की कार्रवाई के बाद पूरा परिसर तनाव और अनिश्चितता के माहौल में आ गया है और कई डॉक्टरों में चिंता देखी जा रही है। जांच एजेंसियां दिल्ली से लेकर कानपुर तक इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि कहीं यह नेटवर्क मेडिकल पेशे से जुड़े कुछ लोगों तक तो नहीं फैला हुआ है। अभी तक किसी अंतिम निष्कर्ष की पुष्टि नहीं की गई है लेकिन एजेंसियां इस संभावित कड़ी को बेहद गंभीरता से परख रही हैं।