Fri, 08 Aug 2025 13:21:46 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
मथुरा: प्रसिद्ध कथा वाचक अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मामले में एक और याचिका दाखिल होने के साथ विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। गुरुवार को हिंदू महासभा, आगरा की जिलाध्यक्ष मीरा राठौर ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में वाद दायर करने के लिए अर्जी दाखिल की। इससे पहले बुधवार को महिला अधिवक्ता प्रियदर्शिनी मिश्रा और सौम्या शुक्ला भी एसीजेएम (प्रथम) की अदालत में इसी मामले में वाद दायर कर चुकी हैं।
मीरा राठौर ने अपनी अर्जी में बताया कि 28 जुलाई को वह वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर में दर्शन के लिए गई थीं। वहीं उन्हें पता चला कि कथा वाचक अनिरुद्धाचार्य ने अपनी कथा के दौरान लड़कियों की शादी की तय उम्र को लेकर टिप्पणी की थी, जो उनकी दृष्टि में आपत्तिजनक और समाज के लिए हानिकारक है। आरोप है कि व्यास पीठ से अनिरुद्धाचार्य ने बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत निर्धारित विवाह की आयु पर सवाल उठाए, जिससे यह संदेश जा सकता है कि बाल विवाह जैसी पुरानी और समाप्त हो चुकी कुप्रथा को फिर से बढ़ावा मिले।
मीरा राठौर का कहना है कि इस टिप्पणी ने महिलाओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है और समाज में नकारात्मक प्रभाव डालने की संभावना है। उन्होंने इस संबंध में 28 जुलाई को वृंदावन कोतवाली में तहरीर भी दी थी, लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की। इसके बाद उन्होंने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
इसी मुद्दे पर बुधवार को महिला अधिवक्ताओं प्रियदर्शिनी मिश्रा और सौम्या शुक्ला ने भी अदालत में वाद दायर किया था। उनका भी आरोप है कि अनिरुद्धाचार्य के कथन से महिलाओं के सम्मान और अधिकारों को ठेस पहुंची है। लगातार बढ़ रही याचिकाओं से यह स्पष्ट है कि यह मामला अब केवल कानूनी बहस का नहीं, बल्कि सामाजिक चर्चा का भी केंद्र बन चुका है।