Sun, 02 Nov 2025 11:24:04 - By : Shriti Chatterjee
कानपुर: शुक्रवार देर रात पुलिस विभाग की छवि को धूमिल करने वाली शर्मनाक घटना सामने आई। ऑफिसर्स कॉलोनी में तैनात दो सिपाही नशे में धुत होकर हंगामा करने लगे। आरोप है कि दोनों ने टहल रहे एक व्यक्ति से अभद्रता की, जो दरअसल एक आईपीएस अधिकारी के भाई निकले। घटना की जानकारी मिलते ही 30 मिनट के भीतर पुलिस विभाग हरकत में आया और कार्रवाई शुरू की। एक आरोपी सिपाही को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया जबकि दूसरा मौके से फरार हो गया। दोनों के खिलाफ विभागीय निलंबन की प्रक्रिया जारी है।
यह मामला लक्ष्मण बाग ऑफिसर्स कॉलोनी का है, जहां एसीपी स्वरूप नगर आईपीएस सुमित सुधाकर रामटेके का आवास है। सुमित के चचेरे भाई, जो महाराष्ट्र में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं, दीवाली की छुट्टियों में उनके घर आए थे। शुक्रवार रात करीब 11 बजे जब वह भोजन के बाद परिसर में टहल रहे थे, तभी डीसीपी पूर्वी के एस्कॉर्ट में तैनात सिपाही अंकुर, जो गाजियाबाद के इंदिरापुरी का निवासी है, और उसका साथी सिपाही प्रवीन वहां पहुंचे। दोनों शराब के नशे में थे और उन्होंने बिना किसी वजह पूछताछ शुरू कर दी।
दोनों ने आईपीएस अधिकारी के भाई से नाम और पहचान पूछी और अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे। जब पीड़ित ने बताया कि वह आईपीएस सुमित सुधाकर रामटेके के भाई हैं, तो दोनों सिपाही और भड़क गए। उन्होंने धमकी दी कि वे खुद पुलिस में हैं और उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। डर और हंगामे के बीच पीड़ित ने अपने भाई को फोन किया और पूरी घटना की जानकारी दी।
उस समय एसीपी किदवई नगर में थे। उन्होंने तत्काल स्वरूप नगर थाने को सूचना दी। कार्यवाहक थाना प्रभारी गोपीचंद्र फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने जब आरोपी सिपाही अंकुर को पकड़ने की कोशिश की तो उसने टीम से हाथापाई कर दी, जबकि प्रवीन वहां से भाग निकला। कुछ देर की मशक्कत के बाद पुलिस ने अंकुर को काबू में लेकर थाने भेजा।
रात में ही आरोपी का मेडिकल कराया गया जिसमें अल्कोहल की पुष्टि हुई। मेडिकल जांच एलएलआर अस्पताल के ईएमओ डॉक्टर आशीष श्रीवास्तव ने की। चौकी प्रभारी सौरभ सिंह की तहरीर पर दोनों सिपाहियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। गिरफ्तार सिपाही अंकुर को शांतिभंग की धारा में जेल भेज दिया गया है, जबकि उसके साथी की तलाश जारी है। वरिष्ठ अधिकारियों ने घटना को गंभीरता से लेते हुए दोनों के निलंबन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
यह पूरी घटना पुलिस विभाग के अनुशासन और छवि पर सवाल खड़े करती है। अधिकारियों का कहना है कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।