वाराणसी: फर्जी इंस्टाग्राम आईडी बनाकर पूर्व MLC बृजेश सिंह के नाम का दुरुपयोग, साइबर सेल सक्रिय

वाराणसी में पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह के नाम से एक अज्ञात साइबर अपराधी ने फर्जी इंस्टाग्राम आईडी बनाकर उनकी छवि का दुरुपयोग किया, जिसके बाद साइबर सेल सक्रिय हो गई है।

Sun, 15 Jun 2025 12:42:30 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

वाराणसी: राजनीति के गलियारों में प्रतिष्ठित चेहरा और जनसेवा के प्रति समर्पित रहने वाले पूर्व एमएलसी बृजेश कुमार सिंह अब एक गंभीर साइबर अपराध का शिकार हो गए हैं। किसी अज्ञात साइबर अपराधी ने उनके नाम से एक फर्जी इंस्टाग्राम आईडी बनाकर न सिर्फ उनकी छवि का अनुचित इस्तेमाल किया, बल्कि उनकी तस्वीरें और वीडियो भी पोस्ट कर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भ्रम फैलाने का प्रयास किया।

जानकारी के अनुसार, फर्जी अकाउंट @mlcbrijeshshingh नाम से बनाया गया, जिस पर लगातार वीडियो रीलें और फोटो साझा की जा रही थीं। इन पोस्ट्स में "एमएलसी बृजेश सिंह" जैसे हैशटैग का भी इस्तेमाल किया गया, जिससे यह अकाउंट पूरी तरह वास्तविक लगे। इससे भी गंभीर बात यह रही कि यह आईडी केवल एकतरफा प्रचार तक सीमित नहीं रही, बल्कि इस फर्जी खाते से कई लोगों को इनबॉक्स में मैसेज भेजे गए और संवाद स्थापित करने का भी प्रयास किया गया। यह घटनाक्रम लगातार कई दिनों तक चलता रहा, जब तक कि बृजेश सिंह से जुड़े लोगों ने इस फर्जीवाड़े को पहचान नहीं लिया।

रघुकुल भवन, सिद्धगिरिबाग में रहने वाले पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह ने इस पूरे मामले की सूचना सिगरा थाना पुलिस को दी और अपने नाम से बनाए गए इस फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल के खिलाफ विधिक कार्रवाई की मांग की। उन्होंने पुलिस को दिए गए प्रार्थनापत्र में स्पष्ट रूप से बताया कि उनका उस फर्जी इंस्टाग्राम आईडी से कोई संबंध नहीं है और वह इस डिजिटल धोखाधड़ी के कड़े विरोध में हैं। उनके अनुसार, किसी परिचित ने उन्हें इस फर्जी अकाउंट के बारे में जानकारी दी थी, जिसके बाद उन्होंने स्वयं इस पर गौर किया और सोशल मीडिया पर चल रही इस चालाकी को तुरंत गंभीरता से लिया।

इस बीच सिगरा थाना प्रभारी संजय मिश्रा ने बताया कि शिकायत दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच साइबर सेल को सौंप दी गई है। प्रारंभिक जांच के आधार पर पुलिस को संदेह है कि यह कार्य किसी स्थानीय व्यक्ति द्वारा अंजाम दिया गया है। पुलिस तकनीकी विश्लेषण और सोशल मीडिया अकाउंट से जुड़े डिजिटल फुटप्रिंट्स की जांच के जरिए आरोपी तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।

यह घटना न केवल एक राजनीतिक व्यक्ति की निजी पहचान की चोरी का मामला है, बल्कि साइबर सुरक्षा के लिहाज से भी एक चिंताजनक उदाहरण बनकर सामने आई है। इसने सोशल मीडिया की विश्वसनीयता और आमजन में फैले डिजिटल दुरुपयोग के बढ़ते खतरे को एक बार फिर उजागर कर दिया है। डिजिटल प्लेटफॉर्म के इस दुरुपयोग से न केवल छवि को नुकसान होता है, बल्कि लोगों की भावनाएं भी आहत होती हैं, खासकर तब जब आम जनता विश्वास के साथ ऐसे नेताओं से जुड़ती है।

पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह ने जनता से अपील की है कि वे ऐसे किसी फर्जी अकाउंट से सावधान रहें और कोई भी संदिग्ध गतिविधि दिखने पर तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचित करें। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि सोशल मीडिया कंपनियों को ऐसे मामलों में त्वरित और सख्त कार्रवाई के लिए एक बेहतर प्रणाली विकसित करनी चाहिए, ताकि इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हों।

पुलिस की जांच जारी है और साइबर सेल जल्द ही इस फर्जीवाड़ा करने वाले के असली चेहरे को बेनकाब करने के लिए सभी डिजिटल संसाधनों का प्रयोग कर रही है। वहीं, इस घटना के सामने आने के बाद आमजन में भी जागरूकता बढ़ी है कि सोशल मीडिया पर किसी भी जानकारी या पहचान को आंख मूंदकर सच न माना जाए।

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