फतेहाबाद: 80 दिन बाद खुलासा, पड़ोसी ही निकले 8 वर्षीय मासूम अभय के हत्यारे

फतेहाबाद में 80 दिन पहले लापता हुए 8 वर्षीय छात्र अभय प्रताप की हत्या का खुलासा, पुलिस ने पड़ोसी राहुल और कृष्णा उर्फ भजनलाल को गिरफ्तार किया, फिरौती के लिए किया था अपहरण।

Sun, 20 Jul 2025 15:09:38 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

आगरा: फतेहाबाद के विजय नगर कॉलोनी से 80 दिन पहले लापता हुए आठ वर्षीय छात्र अभय प्रताप की हत्या के मामले में एक दिल दहला देने वाला खुलासा सामने आया है। पुलिस जांच में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि मासूम की निर्मम हत्या उसके घर के सामने रहने वाले युवक राहुल और पास में ही जन सेवा केंद्र चलाने वाले कृष्णा उर्फ भजनलाल ने मिलकर की थी। दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। राजस्थान के धौलपुर जिले के मनिया थाना क्षेत्र में शनिवार को एक खेत से अभय का शव बरामद हुआ, जिसे आरोपियों ने प्लास्टिक की बोरी में भरकर गड्ढे में दबा दिया था।

घटना 30 अप्रैल की शाम की है, जब अभय प्रताप अचानक अपने घर के पास से लापता हो गया। परिजन ने जब उसे हर ओर ढूंढ़ने की कोशिश की और कोई सुराग नहीं मिला, तो फतेहाबाद थाने में अज्ञात के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कराया गया। बच्चा कक्षा एक में पढ़ता था और अपने सरल स्वभाव के कारण कॉलोनी के लोगों का चहेता था। शुरू में पुलिस और परिवार को किसी अप्रिय घटना की आशंका नहीं थी, लेकिन कुछ दिनों बाद अभय के परिजनों को अज्ञात लोगों द्वारा लगातार चार बार फिरौती से जुड़े पत्र मिलने लगे, जिनमें 80 लाख रुपये की मांग की गई थी।

पुलिस ने पत्रों का गहराई से विश्लेषण किया और उसमें प्रयुक्त कुछ शब्दों की भाषा शैली पर ध्यान दिया। यह भाषा किसी सामान्य व्यक्ति की नहीं, बल्कि क्षेत्र में मौजूद एक खास व्यक्ति की रोजमर्रा की बातचीत से मिलती-जुलती थी। जांच में यह व्यक्ति कृष्णा निकला, जो लंबे समय तक बाहर रहने के बाद हाल ही में क्षेत्र में आकर जन सेवा केंद्र चला रहा था। पुलिस ने जब संदेह के घेरे में आए कृष्णा और उसके साथी राहुल की कॉल डिटेल्स और लोकेशन को ट्रेस किया, तो कड़ी राजस्थान के मनिया तक जा पहुंची।

पुलिस ने वहां पहुंचकर एक खेत में खुदाई कराई तो प्लास्टिक की एक बोरी बरामद हुई, जिसमें मासूम अभय का शव मिला। पोस्टमॉर्टम में पुष्टि हुई कि बच्चे की गला दबाकर हत्या की गई थी। पुलिस के अनुसार, दोनों आरोपियों ने घटना वाले दिन क्षेत्र में शादी का माहौल देखकर योजना बनाई। उन्होंने अभय को पहले बहलाया-फुसलाया, फिर स्कूटी पर बैठाकर एकांत जगह की ओर ले गए। रास्ते में जब बच्चा रोने लगा और मां-पिता के पास लौटने की जिद करने लगा, तो उन्होंने बेरहमी से उसकी गला दबाकर हत्या कर दी और शव को स्कूटी से ही राजस्थान ले जाकर जमीन में दफना दिया।

हत्या के बाद दोनों आरोपी सामान्य जीवन जीते रहे। राहुल रोज की तरह अपने वेल्डिंग के काम पर जाता रहा और कृष्णा जन सेवा केंद्र पर बैठकर पुलिस से सामान्य बातचीत करता रहा, जबकि पुलिस अधिकतर समय अभय की तलाश के सिलसिले में उसी जन सेवा केंद्र के पास बैठी रहती थी। यही नहीं, हत्या के बाद भी दोनों आरोपी परिवार को पत्र भेजते रहे, ताकि फिरौती वसूली जा सके।

जांच में यह भी पता चला कि मृतक छात्र के बाबा ने हाल ही में अपनी जमीन बेची थी, जिससे परिवार के पास पैसे होने की जानकारी आरोपियों को थी। इसी लालच में वे कई दिनों से योजना बना रहे थे। कृष्णा धीरे-धीरे बच्चे से घुलने-मिलने लगा था, उसे टॉफी देता और उससे दोस्ती बढ़ाता। वहीं राहुल, जो छात्र के घर के ठीक सामने रहता था, उसे ले जाने के लिए पहले से तैयार था।

पुलिस अधीक्षक ग्रामीण ने मीडिया को बताया कि यह एक सुनियोजित अपराध था, जिसे लालच, अविवेक और अमानवीयता ने जन्म दिया। आरोपियों ने बच्चे की हत्या उसी दिन कर दी थी, जिस दिन उसका अपहरण हुआ था, और इसके बाद भी मासूम की जान के बदले पैसे वसूलने की कोशिश करते रहे।

यह मामला न सिर्फ परिवार और क्षेत्र के लोगों के लिए हृदय विदारक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि किस तरह अपराधी हमारे आसपास के जाने-पहचाने चेहरे भी हो सकते हैं। फिलहाल पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उनके खिलाफ हत्या, अपहरण और फिरौती के तहत मामला दर्ज किया गया है। मृतक छात्र के शव का अंतिम संस्कार पुलिस निगरानी में कराया गया। परिजन गहरे सदमे में हैं, वहीं स्थानीय लोगों में गुस्सा और भय का माहौल है।

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