Thu, 06 Nov 2025 10:43:41 - By : Yash Agrawal
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व ज्वाइंट रजिस्ट्रार अशोक कुमार वर्मा के खाते से करीब 15 लाख 67 हजार रुपये रहस्यमय तरीके से गायब हो गए। यह घटना तब उजागर हुई जब उनके निधन के करीब सात साल बाद उनकी पत्नी मधुबाला श्रीवास्तव ने उत्तराधिकार प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बाद खाते की रकम निकालने पोस्ट ऑफिस हाईकोर्ट शाखा पहुंचीं। पासबुक की एंट्री देखने पर उन्हें पता चला कि कुल जमा राशि पहले ही निकाली जा चुकी थी।
अशोक कुमार वर्मा का निधन 25 जून 2018 को हुआ था। उनके नाम से इलाहाबाद हाईकोर्ट डाकघर शाखा में बचत खाता था, जिसमें कुल 15,67,669 रुपये जमा थे। खाते में किसी का नाम नाॅमिनी के रूप में दर्ज नहीं था। पति के निधन के बाद लंबी कानूनी प्रक्रिया पूरी करते हुए मधुबाला ने 26 सितंबर 2025 को उत्तराधिकार प्रमाणपत्र प्राप्त किया। इसके बाद 24 अक्टूबर को वे खाते की राशि अपने नाम ट्रांसफर कराने पोस्ट ऑफिस पहुंचीं।
पासबुक अपडेट कराने पर मधुबाला हैरत में पड़ गईं। पता चला कि पूरा बैलेंस जीरो था और रकम पहले ही अलग-अलग तारीखों में नकद और चेक के जरिए निकाली जा चुकी थी। निकासी की तारीखें इस प्रकार हैं: 04 जुलाई 2024 में तीन बार में 4 लाख, 3 लाख और 3 लाख रुपये नकद, 08 जुलाई 2024 को 5,67,000 रुपये चेक द्वारा, और 13 सितंबर 2025 को 15,500 रुपये नकद।
मधुबाला का आरोप है कि उनके पति के निधन के बाद किसी अन्य व्यक्ति द्वारा खाते से पैसे निकालना पोस्ट ऑफिस अधिकारियों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं था। उनके बेटे विकास सागर ने बताया कि जब उन्होंने अधिकारियों से जवाब मांगा तो उन्हें कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। मधुबाला ने इस पूरे मामले की लिखित शिकायत डाक विभाग और कैंट थाने में दर्ज कराई है और मांग की है कि संबंधित अधिकारियों के खिलाफ गबन और धोखाधड़ी का केस दर्ज किया जाए तथा पूरी रकम ब्याज समेत वापस दिलाई जाए।
हाई कोर्ट उप डाकघर शाखा के प्रभारी मनोज कुमार ने बताया कि मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में है और जांच शुरू कर दी गई है। निकासी के समय तैनात अफसरों और कर्मचारियों से पूछताछ की जाएगी और जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी।