Fri, 18 Jul 2025 16:35:23 - By : Aakash Tiwari (Mridul)
गाजीपुर: कलेक्ट्रेट स्थित जिला सचिवालय कार्यालय में उस समय हड़कंप मच गया जब वहाँ तैनात वरिष्ठ सहायक अभिनव कुमार सिंह को वाराणसी एंटी करप्शन टीम ने 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद उन्हें तत्काल कोतवाली थाना लाया गया और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई।
यह मामला प्रमोद सिंह नामक व्यक्ति से जुड़ा है, जो 30 जून 2025 को गाजीपुर जिलाधिकारी कार्यालय से प्रधान सहायक के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें महालेखाकार कार्यालय से अपने जीपीएफ की राशि प्राप्त करनी थी, लेकिन लंबे समय तक प्रयास करने के बावजूद भुगतान नहीं हुआ। जब उन्होंने इसकी जानकारी ली, तो वरिष्ठ सहायक अभिनव कुमार सिंह ने जीपीएफ की फाइल पास करने और भुगतान कराने के लिए 40 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की। उन्होंने यह रकम दो किश्तों में देने की बात कही—पहली किश्त 20 हजार रुपये की, और दूसरी बाद में।
शिकायतकर्ता ने स्पष्ट रूप से बताया कि वे हाल ही में रिटायर हुए हैं और उनके पास इतनी बड़ी रकम देने की स्थिति नहीं है, बावजूद इसके आरोपी अपने मांग पर अड़ा रहा। आखिरकार, प्रमोद सिंह ने वाराणसी स्थित एंटी करप्शन कार्यालय में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद एंटी करप्शन टीम के प्रभारी निरीक्षक उमाशंकर यादव ने एक योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई करते हुए शिकायतकर्ता के साथ जिला सचिवालय पहुंचे। वहां, जैसे ही अभिनव कुमार सिंह ने 20 हजार रुपये की पहली किश्त स्वीकार की, टीम ने तुरंत दबिश देकर उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया।
गिरफ्तारी के बाद आरोपित को कोतवाली थाने लाया गया, जहाँ उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। इस घटना के बाद कलेक्ट्रेट परिसर में चर्चा का माहौल गर्म हो गया है और अधिकारियों के बीच सतर्कता भी बढ़ गई है।