Sun, 06 Jul 2025 18:43:49 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
गोंडा: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में जिला प्रशासन से जुड़ा एक गंभीर और शर्मनाक मामला सामने आया है, जिसने न सिर्फ स्थानीय प्रशासन बल्कि पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। जिले में अपर उपजिलाधिकारी प्रथम कार्यालय में तैनात 60 वर्षीय अर्दली हरिवंश शुक्ला का एक आपत्तिजनक वीडियो सामने आने के बाद उसे तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। आरोपी अर्दली पर युवती को नौकरी का लालच देकर अपने सरकारी क्वार्टर में बुलाने और वहां अश्लील हरकत करने का आरोप है। वीडियो में वह अर्धनग्न अवस्था में युवती का हाथ पकड़े हुए, जबरन छेड़छाड़ करते और कपड़े उतारने की कोशिश करता दिखाई दे रहा है। यह मामला चेतना पार्क स्थित ऑफिसर्स कॉलोनी का है, जहां आरोपी का सरकारी आवास स्थित है।
घटना एक सप्ताह पुरानी बताई जा रही है, लेकिन इसका खुलासा शनिवार को उस समय हुआ जब पीड़िता ने आरोपी के खिलाफ दो वीडियो जारी किए, जो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। पीड़िता ने बताया कि घटना के दो दिन बाद उसने साहस जुटाकर जिलाधिकारी नेहा शर्मा को मोबाइल पर संदेश भेजकर पूरी घटना की जानकारी दी। जिलाधिकारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई की और आरोपी अर्दली हरिवंश शुक्ला को निलंबित कर दिया। साथ ही उसकी सेवा फाइल को भी तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया है। जांच की जिम्मेदारी अपर जिलाधिकारी (एडीएम) आलोक कुमार को सौंपी गई है।
हरदोई निवासी आरोपी हरिवंश शुक्ला करीब 60 वर्ष का है और आगामी पांच महीनों में उसकी सेवानिवृत्ति प्रस्तावित थी। पीड़िता, जो परशुपुर थाना क्षेत्र की रहने वाली है, ने बताया कि करीब एक माह पहले वह नौकरी की तलाश में कलेक्ट्रेट कार्यालय गई थी, जहां उसकी मुलाकात हरिवंश शुक्ला से हुई। आरोपी ने खुद को ‘क्लोज-कॉन्टेक्ट’ बताते हुए नौकरी दिलाने का झांसा दिया और उसका मोबाइल नंबर ले लिया। इसके बाद नियमित रूप से बातचीत शुरू हो गई और एक सप्ताह पूर्व उसने पीड़िता को चेतना पार्क बुलाया। वहां से उसे नौकरी के बहाने अपने क्वार्टर पर ले गया और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। आरोप है कि हरिवंश शुक्ला ने अपने कपड़े उतार दिए और पीड़िता से जबरन अश्लील हरकतें करने लगा। विरोध करने पर उसने चाकू दिखाया और युवती को डराते हुए कपड़े उतरवाने की कोशिश की। पीड़िता ने किसी तरह सूझबूझ दिखाते हुए अगली बार आने का बहाना किया और वहां से अपनी जान बचाकर निकल आई।
पीड़िता का कहना है कि घटना के बाद वह मानसिक रूप से बुरी तरह टूट गई थी और दो दिन तक कुछ समझ नहीं पाई। अंततः हिम्मत करके उसने जिलाधिकारी से शिकायत की, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया। पीड़िता ने यह भी खुलासा किया है कि आरोपी उसे लगातार धमका रहा है और उसके पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दे रहा है। उसका कहना है कि हरिवंश शुक्ला को जेल भेजा जाना चाहिए ताकि उसे और किसी युवती को वह शिकार न बना सके। पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया है कि आरोपी पहले भी कई लड़कियों को नौकरी का लालच देकर इसी तरह अपने जाल में फंसा चुका है, लेकिन प्रशासनिक संरक्षण के कारण अब तक बचता रहा।
फिलहाल जिलाधिकारी ने सख्त रुख अपनाते हुए मामले की निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए हैं। एडीएम आलोक कुमार इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं और प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि आरोपी को कानून के दायरे में लाकर सख्त सजा दिलाई जाएगी। गोंडा जिले में यह घटना न सिर्फ सरकारी तंत्र की जवाबदेही पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे कुछ पदाधिकारी अपने प्रभाव और पद का दुरुपयोग कर आम नागरिकों, विशेषकर महिलाओं का शोषण करने से नहीं चूकते।
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अमला सतर्क है, और मामले में आगे की कार्रवाई रिपोर्ट आने के बाद तय की जाएगी। आरोपी अर्दली की गिरफ्तारी की मांग भी जोर पकड़ रही है, जबकि पीड़िता को सुरक्षा दिए जाने की मांग हो रही है। प्रशासन के लिए यह एक अग्निपरीक्षा जैसी स्थिति बन गई है, जिसमें न्याय सुनिश्चित करना उसकी प्राथमिक जिम्मेदारी है।