Fri, 17 Oct 2025 20:33:45 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
अहमदाबाद: गुजरात की राजनीति में शुक्रवार को एक बड़ा घटनाक्रम देखने को मिला, जब मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अपनी कैबिनेट में व्यापक फेरबदल करते हुए विभागों का नया बंटवारा किया। इस बदलाव के साथ न केवल कई नए चेहरे सरकार में शामिल हुए हैं, बल्कि सत्ता संतुलन और जातीय समीकरण को साधने की एक स्पष्ट रणनीति भी सामने आई है। मुख्यमंत्री पटेल ने सामान्य प्रशासन, प्रशासनिक सुधार और प्रशिक्षण जैसे कई महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी अपने पास रखी है, जो उनकी सरकार के प्रशासनिक फोकस को स्पष्ट करता है।
वहीं, गुजरात के नए उपमुख्यमंत्री हर्ष संघवी को गृह विभाग, पुलिस, आवास, जेल, सीमा सुरक्षा, ग्राम रक्षक दल, नागरिक सुरक्षा, शराब एवं उत्पाद शुल्क, परिवहन, कानून और न्याय, खेल और युवा सेवाओं जैसे अहम विभागों की जिम्मेदारी दी गई है। इन विभागों के जरिए संघवी राज्य की सुरक्षा, कानून व्यवस्था और युवाओं से जुड़ी नीतियों के केंद्र में रहेंगे।
19 नए चेहरों के साथ नई टीम
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अपनी टीम में 19 नए मंत्रियों को शामिल किया है, जबकि पिछली कैबिनेट के छह वरिष्ठ सदस्यों को बरकरार रखा गया है। इन पुराने मंत्रियों में सबसे अहम नाम हर्ष संघवी का है, जिन्हें अब उपमुख्यमंत्री बनाकर सरकार में दूसरा सबसे ऊंचा स्थान दिया गया है। इसके साथ ही क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी रीवाबा जडेजा को भी मंत्री पद देकर सौराष्ट्र क्षेत्र और महिला प्रतिनिधित्व, दोनों को राजनीतिक संदेश दिया गया है। नई मंत्रिपरिषद के गठन के बाद अब गुजरात सरकार में मुख्यमंत्री समेत कुल 26 मंत्री हो गए हैं, जो विधानसभा की अधिकतम अनुमत संख्या (27) के लगभग बराबर है।
जातीय संतुलन पर केंद्रित रणनीति
2027 के विधानसभा चुनावों और आने वाले स्थानीय निकाय चुनावों को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने इस फेरबदल में जातीय समीकरणों पर विशेष ध्यान दिया है। नए मंत्रिमंडल में 8 ओबीसी, 3 अनुसूचित जाति, 4 अनुसूचित जनजाति और 8 पटेल समाज से आने वाले नेताओं को शामिल किया गया है। यह संतुलन भाजपा की सामाजिक आधार को सुदृढ़ करने की दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है।
चार साल बाद उपमुख्यमंत्री की वापसी
भूपेंद्र पटेल के पिछले चार वर्षों के कार्यकाल में यह पहली बार है कि राज्य में उपमुख्यमंत्री पद की पुनः स्थापना हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के शासनकाल में यह पद नितिन पटेल के पास था, जिसे 2021 में समाप्त कर दिया गया था। अब हर्ष संघवी की नियुक्ति से यह पद दोबारा बहाल हुआ है, जो युवा नेतृत्व और प्रशासनिक अनुभव के मिश्रण का संकेत देता है।
वरिष्ठ मंत्रियों की पदोन्नति और नए नामों का आगमन
पिछली कैबिनेट के छह मंत्रियों में से कनुभाई पटेल, रुशिकेश पटेल और कुंवरजी बावलिया को फिर से कैबिनेट मंत्री बनाया गया है, जबकि हर्ष संघवी, प्रफुल पनशेरिया और पुरुषोत्तम सोलंकी को राज्य मंत्री के रूप में बरकरार रखा गया है। संघवी को उपमुख्यमंत्री बनाना इस फेरबदल का सबसे बड़ा राजनीतिक संदेश माना जा रहा है। वहीं रीवाबा जडेजा ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली, उनके शपथ ग्रहण समारोह में उनके पति रवींद्र जडेजा और बेटी की मौजूदगी ने कार्यक्रम को विशेष बना दिया।
कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं को भी मौका
इस नई कैबिनेट में भाजपा ने उन नेताओं को भी शामिल किया है जो हाल ही में पार्टी में आए हैं। जीतू वघानी, अर्जुन मोढवाडिया और मनीषा वकील को मंत्री पद देकर संगठनात्मक संतुलन साधा गया है। विशेष रूप से मोढवाडिया, जो पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और नेता विपक्ष रह चुके हैं, अब भाजपा में शामिल होकर कैबिनेट मंत्री बने हैं। इसे पार्टी के व्यापक जनाधार बढ़ाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
नया मंत्रिमंडल: अनुभव और युवा जोश का मेल
नए मंत्रिमंडल में 9 कैबिनेट मंत्री, 3 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री और 13 राज्य मंत्री शामिल हैं। 19 नए चेहरों में कई ऐसे नाम हैं जो पहले भी सरकार का हिस्सा रह चुके हैं — जैसे ईश्वरसिंह पटेल, नरेश पटेल और जीतू वघानी। इस बार महिला प्रतिनिधित्व में भी बढ़ोतरी की गई है, और तीन महिलाओं को मंत्री पद देकर सरकार ने “नारी शक्ति” के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।
कई वरिष्ठ मंत्रियों की विदाई
नई टीम बनाते समय मुख्यमंत्री ने 10 मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाया है। इनमें उद्योग मंत्री बलवंतसिंह राजपूत, कृषि मंत्री राघवजी पटेल, सामाजिक न्याय मंत्री भानुबेन बाबरिया, और वन एवं पर्यावरण मंत्री मुलु बेरा जैसे वरिष्ठ चेहरे शामिल हैं। यह बदलाव सरकार की “नए नेतृत्व” और “नई ऊर्जा” की नीति को रेखांकित करता है।
सौराष्ट्र-कच्छ से सबसे अधिक प्रतिनिधित्व
क्षेत्रीय संतुलन को बनाए रखने के लिए सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र को सबसे अधिक 9 मंत्री मिले हैं। मध्य गुजरात से 6, उत्तर गुजरात से 5, दक्षिण गुजरात से 4 और अहमदाबाद शहर से दर्शना वाघेला को मंत्री पद दिया गया है। इस संतुलन से भाजपा ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि वह पूरे राज्य के संतुलित विकास के एजेंडे पर काम करेगी।