Mon, 22 Sep 2025 11:30:57 - By : Garima Mishra
ज्ञानपुर: उत्तर प्रदेश के ज्ञानपुर में मिशन शक्ति अभियान के पांचवें चरण की शुरुआत धूमधाम से हुई। पुलिस लाइन गेट से जागरूकता रैली निकाली गई, जिसे विधायक विपुल दुबे की पत्नी संगीता दुबे ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस रैली में पुलिसकर्मी, छात्राएं, महिलाएं और समाजसेवी बड़ी संख्या में शामिल हुए। पूरे आयोजन का उद्देश्य महिलाओं और बालिकाओं को सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के महत्व से जोड़ना और समाज में जागरूकता फैलाना रहा।
मिशन शक्ति फेज-5.0 का यह विशेष अभियान 21 सितंबर से शुरू होकर 21 अक्टूबर 2025 तक चलेगा। एक महीने तक चलने वाले इस अभियान में अलग-अलग कार्यक्रमों और जागरूकता गतिविधियों के माध्यम से महिलाओं को न केवल सुरक्षा से जुड़ी जानकारियां दी जाएंगी बल्कि उन्हें सरकारी योजनाओं और अवसरों से भी अवगत कराया जाएगा। जनपद के हर थाने में मिशन शक्ति केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां महिला उप निरीक्षक, महिला मुख्य आरक्षी और महिला आरक्षी को नियुक्त किया गया है। इन केंद्रों का मुख्य कार्य महिलाओं से जुड़े अपराधों पर तुरंत कार्रवाई करना और पीड़िताओं को त्वरित मदद उपलब्ध कराना है।
अभियान के दौरान शक्ति दीदी पहल को भी व्यापक स्तर पर आगे बढ़ाया जा रहा है। इसके अंतर्गत महिलाओं और बालिकाओं को हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी दी जा रही है, ताकि किसी भी स्थिति में वे तुरंत मदद ले सकें। इनमें वीमेन पावर लाइन 1090, महिला हेल्पलाइन 181, मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076, पुलिस आपातकालीन सेवा 112, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, स्वास्थ्य सेवा 102 और एम्बुलेंस सेवा 108 शामिल हैं। अधिकारियों का कहना है कि इन हेल्पलाइन सेवाओं को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना मिशन शक्ति के उद्देश्यों में से एक है।
पिछले चार चरणों में मिशन शक्ति अभियान ने बड़ी सफलता हासिल की थी। महिला एवं बाल विकास विभाग के अनुसार अब तक 9 करोड़ से अधिक लोगों तक यह अभियान पहुंचा है और उन्हें प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं से परिचित कराया गया है। यही वजह है कि पांचवें चरण से भी व्यापक उम्मीदें जताई जा रही हैं। अधिकारियों और समाजसेवियों का मानना है कि इस तरह की पहल से महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ता है और समाज में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलता है।
स्थानीय स्तर पर लोगों ने भी इस अभियान का स्वागत किया है। छात्राओं ने कहा कि इस तरह की जागरूकता रैलियां और जानकारी उन्हें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में मदद करती हैं। वहीं समाजसेवियों का मानना है कि जब समाज में महिलाएं सुरक्षित और सशक्त होंगी तभी प्रदेश और देश की प्रगति संभव है।