Thu, 24 Jul 2025 18:28:25 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
मिर्जापुर: गुरुवार को दोपहर एक दर्दनाक हादसे ने पूरे हरदुआ गांव को गहरे शोक में डुबो दिया, जब पांच वर्षीय आयुष गौतम की ट्रैक्टर के रोटावेटर में फंसकर दर्दनाक मौत हो गई। मासूम आयुष, दिनेश कुमार गौतम का इकलौता बेटा था और पांच बहनों के बीच परिवार का दुलारा। इस हृदय विदारक घटना से न केवल परिजन बल्कि पूरा गांव स्तब्ध है। पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर ट्रैक्टर को कब्जे में ले लिया है, जबकि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
घटना की शुरुआत गुरुवार दोपहर उस समय हुई जब राजकुमार गुप्ता का बेटा गौरव ट्रैक्टर लेकर खेत की जुताई के लिए गांव पहुंचा। गौरव पहले भी बच्चों को ट्रैक्टर पर बिठाकर खेतों में ले जाने का आदी था। इसी तरह इस दिन भी उसने आयुष और एक अन्य बच्चे को ट्रैक्टर के दोनों ओर बिठा लिया। खेत की जुताई के दौरान जैसे ही ट्रैक्टर उबड़-खाबड़ जमीन पर उछला, मासूम आयुष संतुलन खो बैठा और सीधे पीछे चल रहे रोटावेटर की चपेट में आ गया।
इस दिल दहला देने वाली घटना के दौरान जब तक चालक कुछ समझ पाता, रोटावेटर मासूम के शरीर को बुरी तरह रौंद चुका था, जिससे उसके शरीर के कई टुकड़े हो गए। घटनास्थल पर मौजूद लोगों में चीख-पुकार मच गई। हादसे से घबराकर चालक ट्रैक्टर समेत मौके से फरार हो गया। वहीं, ट्रैक्टर पर सवार दूसरे बच्चे ने भागकर गांव पहुंचकर लोगों को घटना की जानकारी दी। सूचना मिलते ही ग्रामीण मौके पर दौड़े लेकिन तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था।
पुलिस को घटना की जानकारी मिलते ही थानाध्यक्ष विजय प्रताप सिंह टीम के साथ मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। ट्रैक्टर को थाने लाकर चालक गौरव के खिलाफ लापरवाही और गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए अपर पुलिस अधीक्षक शुभम अग्रवाल भी घटनास्थल पर पहुंचे और पीड़ित परिवार से मिलकर संवेदना जताई।
परिवार के अनुसार, आयुष को लेकर घरवालों ने वर्षों से मन्नतें मांगी थीं। दिनेश कुमार की पांच बेटियों के बाद आयुष ने जन्म लिया था, जिससे परिवार में नई ऊर्जा और खुशी का संचार हुआ था। मां-बाप और बहनें आयुष को आंखों का तारा मानते थे। बहनों का कहना है कि इस बार राखी पर वह भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधने की तैयारियां कर रही थीं, लेकिन अब उनके जीवन में राखी का कोई मायने नहीं बचा।
गांव में घटना के बाद गहरी शोक की लहर दौड़ गई। लोग स्तब्ध हैं कि कैसे एक मासूम लापरवाही की भेंट चढ़ गया। ग्रामीणों ने इस दुखद घटना के बाद ट्रैक्टर जैसे भारी वाहनों पर बच्चों को बैठाने की प्रवृत्ति को रोकने और सतर्कता बरतने की आवश्यकता जताई है। पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक जांच में यह हादसा लापरवाही के चलते हुआ है और संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है।
हरदुआ गांव में अब सिर्फ चुप्पी और मातम पसरा है। जहां कभी आयुष की मासूम हंसी गूंजती थी, वहां अब सिर्फ उसकी यादें बची हैं। इस घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया है और परिवार के इस अपूर्णीय क्षति को देखकर हर आंख नम हो गई है।