Sat, 13 Dec 2025 14:10:43 - By : Palak Yadav
आईआईटी बीएचयू की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले में शुक्रवार को फास्टट्रैक कोर्ट प्रथम कुलदीप सिंह की अदालत में सुनवाई हुई। इस दौरान पीड़िता से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बचाव पक्ष की ओर से जिरह की गई। सुनवाई के दौरान पीड़िता ने कोर्ट के समक्ष अपनी व्यस्तता का हवाला देते हुए आगामी तिथि में परिवर्तन की गुहार लगाई। पीड़िता ने बताया कि वह 22 दिसंबर तक मद्रास में आयोजित इंटर आईआईटी स्पोर्ट्स मीट में भाग लेने के कारण व्यस्त रहेगी, इसलिए इसके बाद की कोई तिथि तय की जाए। कोर्ट ने पीड़िता की मांग को स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई की तिथि 23 दिसंबर निर्धारित कर दी। इससे पहले इस मामले में विवेचक सहजानंद श्रीवास्तव का बयान भी दर्ज किया जा चुका है, जबकि अभियोजन की ओर से एडीजीसी मनोज गुप्ता ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा।
यह मामला बीएचयू परिसर में दो नवंबर 2023 की रात का है, जब आईआईटी की एक छात्रा के साथ बाइक सवार तीन आरोपियों ने सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था। घटना के बाद पीड़िता ने लंका थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। विवेचना के दौरान कुणाल पांडेय, आनंद चौहान उर्फ अभिषेक और सक्षम पटेल के नाम सामने आए, जिसके बाद तीनों को आरोपी बनाया गया। पीड़िता के बयान पहले ही दर्ज हो चुके हैं, लेकिन बचाव पक्ष की ओर से जिरह को लेकर कानूनी प्रक्रिया में देरी होती रही है। हाईकोर्ट में आरोपी की ओर से याचिका दाखिल कर पीड़िता को कोर्ट में उपस्थित कराने की मांग की गई थी, जबकि पहले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जिरह का आदेश दिया गया था। इसी कारण कुछ समय तक जिरह की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने विवेचक को गवाही के लिए तलब किया था, लेकिन आरोपी की ओर से प्रार्थना पत्र देकर कहा गया कि पीड़िता से जिरह शेष है और इसके बिना न्याय की प्रक्रिया पूरी नहीं मानी जा सकती। बचाव पक्ष ने यह भी स्पष्ट किया कि वह पीड़िता से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिरह के लिए तैयार है। इस पर कोर्ट ने विवेचक से जिरह स्थगित करते हुए पीड़िता से पहले जिरह कराने की अनुमति दी। शुक्रवार को इसी आदेश के तहत पीड़िता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में उपस्थित हुई और बचाव पक्ष ने उससे जिरह की। कोर्ट अब 23 दिसंबर को मामले की अगली सुनवाई करेगा।