Mon, 11 Aug 2025 22:32:52 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
नई दिल्ली: भारत ने पहली बार अमेरिका को स्मार्टफोन सप्लाई करने वाले देशों की सूची में चीन को पीछे छोड़ते हुए शीर्ष स्थान हासिल कर लिया है। यह ऐतिहासिक उपलब्धि मुख्य रूप से टेक दिग्गज एपल द्वारा भारत में बढ़ाए गए iPhone निर्माण के कारण संभव हुई है, जिसने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के समीकरण को बदलकर रख दिया है।
शोध संस्था Canalys (अब Omdia का हिस्सा) के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही (Q2) में भारत से अमेरिका को स्मार्टफोन शिपमेंट में 240 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई है। आंकड़ों के अनुसार, भारत से अमेरिका भेजे गए स्मार्टफोन का हिस्सा अब 44% तक पहुंच गया है, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह केवल 13% था। इसके विपरीत, चीन का हिस्सा Q2 2024 में 61% से घटकर अब 25% पर आ गया है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह बदलाव भारत की बढ़ती उत्पादन क्षमता और वैश्विक टेक कंपनियों के चीन पर निर्भरता कम करने के प्रयास का नतीजा है। एपल अब अपने iPhone 15 और iPhone 16 जैसे स्टैंडर्ड मॉडल का बड़े पैमाने पर भारत में निर्माण करवा रहा है। इसके अलावा, कुछ iPhone 16 Pro मॉडल भी भारत में असेंबल किए जा रहे हैं, हालांकि इन प्रीमियम मॉडलों का मुख्य उत्पादन अब भी चीन में केंद्रित है।
सिर्फ एपल ही नहीं, बल्कि सैमसंग और मोटोरोला जैसे अन्य ब्रांड भी अब भारत से अमेरिका को स्मार्टफोन भेजने लगे हैं। हालांकि, सैमसंग की प्रमुख निर्माण इकाइयाँ अब भी वियतनाम में स्थित हैं और मोटोरोला की आपूर्ति श्रृंखला का बड़ा हिस्सा चीन में है, इसलिए इन दोनों ब्रांड्स का योगदान एपल की तुलना में अपेक्षाकृत सीमित है।
विश्लेषकों का मानना है कि भारत का यह उभार केवल तात्कालिक घटना नहीं है, बल्कि आने वाले वर्षों में यह रुझान और मजबूत हो सकता है। केंद्र सरकार की 'मेक इन इंडिया' पहल, उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजनाएं, और अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों के लिए बेहतर बुनियादी ढांचे की उपलब्धता ने भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण के लिए आकर्षक गंतव्य बना दिया है।
उद्योग विशेषज्ञों के मुताबिक, यदि भारत इस गति को बनाए रखता है और उच्च-स्तरीय स्मार्टफोन निर्माण क्षमता में और निवेश करता है, तो न केवल अमेरिकी बाजार में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारत की हिस्सेदारी और मजबूत हो सकती है। इस बदलाव से भारत की आर्थिक वृद्धि को भी बल मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, जिससे देश के टेक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को नई ऊंचाइयां मिलेंगी।