Mon, 29 Sep 2025 00:25:08 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
यूएई: एशिया कप 2025 का फाइनल मुकाबला क्रिकेट प्रेमियों के लिए किसी महाकुंभ से कम नहीं रहा। ऐतिहासिक प्रतिद्वंद्विता और रोमांचक पलों से भरे इस मैच में टीम इंडिया ने पाकिस्तान को हराकर एशिया कप की ट्रॉफी एक बार फिर अपने नाम कर ली। भारत ने इस जीत के साथ नौवीं बार एशिया कप का खिताब अपने नाम किया। सबसे खास बात यह रही कि पहली बार भारत और पाकिस्तान की टीमें फाइनल में आमने-सामने उतरी थीं, और इस रोमांचक भिड़ंत में भारत ने बाजी मार ली।
इस हाई-वोल्टेज मुकाबले में भारत की जीत के नायक बने युवा बल्लेबाज तिलक वर्मा। उन्होंने दबाव भरे माहौल में शानदार बल्लेबाजी करते हुए 53 गेंदों पर नाबाद 69 रनों की पारी खेली। इस पारी में उनके बल्ले से 3 चौके और 4 लंबे छक्के निकले। उन्होंने 130.18 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए और मैच को अंत तक भारत के पक्ष में मोड़ा। यह न केवल इस टूर्नामेंट में उनका पहला अर्धशतक था बल्कि अब तक का उनका सबसे बड़ा स्कोर भी साबित हुआ। इससे पहले तिलक ने श्रीलंका के खिलाफ नाबाद 49 रन बनाए थे, लेकिन फाइनल की यह पारी कहीं ज्यादा प्रभावशाली और यादगार रही।
पाकिस्तान की पारी और भारत का चुनौतीपूर्ण सफर
फाइनल में पाकिस्तान की टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए बड़ा स्कोर खड़ा करने में नाकाम रही और 147 रनों का लक्ष्य भारत के सामने रखा। देखने में यह स्कोर छोटा लग रहा था, लेकिन पाकिस्तान की तेज गेंदबाजी और शुरुआती स्विंग ने मैच को रोचक बना दिया।
भारत की पारी की शुरुआत बेहद निराशाजनक रही। टीम ने सिर्फ 10 रनों के भीतर 2 विकेट गंवा दिए। हालात और खराब हुए जब 20 रन के स्कोर तक तीसरा विकेट भी गिर गया। दर्शकों में खामोशी छा गई थी और ऐसा लग रहा था कि पाकिस्तान मैच पर पकड़ बना सकता है।
तिलक वर्मा का कमाल और साझेदारियां
इसी मुश्किल घड़ी में क्रीज पर उतरे तिलक वर्मा ने मैच की दिशा बदल दी। उन्होंने पहले संजू सैमसन के साथ मिलकर पारी को संभाला और दोनों ने मिलकर 57 रनों की साझेदारी की। सैमसन ने तेज 24 रन (21 गेंद, 2 चौके, 1 छक्का) बनाकर टीम को स्थिरता दी, जिससे तिलक पर से दबाव कुछ हद तक कम हुआ।
संजू सैमसन के आउट होने के बाद शिवम दुबे क्रीज पर आए और तिलक के साथ मिलकर मैच को जीत की ओर ले गए। दुबे ने 22 गेंदों पर 33 रन बनाए जिसमें 2 चौके और 2 छक्के शामिल रहे। उनकी यह पारी तेजी से बनी और तिलक के साथ मिलकर उन्होंने पाकिस्तान के गेंदबाजों पर दबाव बना दिया।
भारत की ऐतिहासिक जीत और तिलक वर्मा का चमकता सितारा
आखिरकार भारत ने लक्ष्य का पीछा करते हुए शानदार अंदाज में मैच अपने नाम किया। तिलक वर्मा अंत तक नाबाद रहे और विजयी चौका लगाकर टीम इंडिया को चैंपियन बनाया। उनकी इस पारी ने न केवल भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों का दिल जीत लिया बल्कि उन्हें क्रिकेट के भविष्य का चमकता सितारा भी साबित कर दिया।
मैच के बाद क्रिकेट विशेषज्ञों और पूर्व खिलाड़ियों ने भी तिलक वर्मा की इस पारी की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि दबाव भरे मैच में इस तरह की पारी खेलना आसान नहीं होता और यही किसी खिलाड़ी को बड़ा बनाता है।
भारत की बादशाहत कायम
इस जीत के साथ भारत ने साबित कर दिया कि एशिया में क्रिकेट का बादशाह वही है। 2025 के इस फाइनल ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान की प्रतिद्वंद्विता को यादगार बना दिया। यह मैच आने वाले सालों तक क्रिकेट फैंस के जेहन में बसा रहेगा।
तिलक वर्मा का यह प्रदर्शन उनके करियर में एक मील का पत्थर बन गया है। उन्होंने न केवल टीम इंडिया को एशिया कप जिताया, बल्कि दुनिया को दिखा दिया कि आने वाले समय में भारतीय क्रिकेट का भविष्य सुरक्षित हाथों में है।