Wed, 01 Oct 2025 22:27:03 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
नई दिल्ली/कोलंबो: भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट संबंध एक बार फिर तनावपूर्ण दौर में प्रवेश कर गए हैं। एशिया कप 2025 के पुरुष फाइनल के दौरान उत्पन्न विवाद ने दोनों देशों के बीच क्रिकेटीय रिश्तों की खाई को और गहरा कर दिया है। अब इस तनाव का असर महिला क्रिकेट में भी देखने को मिलेगा। हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली भारतीय महिला टीम ने भी यह साफ कर दिया है कि वह आगामी मुकाबले में पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाएगी। दोनों टीमों के बीच 5 अक्तूबर को कोलंबो में बहुप्रतीक्षित भिड़ंत होने जा रही है।
दरअसल, हाल ही में दुबई में हुए एशिया कप फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को मात देकर खिताब अपने नाम किया था। लेकिन मैच के बाद ट्रॉफी वितरण समारोह ने खेल भावना को ठेस पहुंचाई। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) और एशियन क्रिकेट काउंसिल (एसीसी) के अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने भारतीय टीम के कप्तान सूर्यकुमार यादव को विजेता ट्रॉफी देने से साफ इनकार कर दिया। भारतीय टीम ने पहले ही तय कर लिया था कि वे नकवी से ट्रॉफी स्वीकार नहीं करेंगे, लेकिन नकवी ने इस मुद्दे पर बेशर्मी की हद पार करते हुए न केवल ट्रॉफी को अपने साथ ले लिया बल्कि बाद में एसीसी ऑफिस भेजवा दी। इस घटनाक्रम ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की साख पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी छवि धूमिल हो गई।
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को स्पष्ट किया कि बोर्ड सरकार की नीति के अनुरूप ही चल रहा है। उन्होंने कहा, “न तो टॉस के दौरान कोई हैंडशेक होगा, न ही मैच रेफरी के साथ फोटो सेशन और न ही मैच के समापन पर खिलाड़ियों के बीच हाथ मिलाना। पुरुष टीम की तरह महिला टीम भी इसी नीति का पालन करेगी।” इससे साफ है कि भारतीय महिला क्रिकेट टीम भी अपने पुरुष समकक्षों की राह पर चलते हुए पाकिस्तानी खिलाड़ियों से दूरी बनाए रखेगी।
कोलंबो में होने वाले इस मुकाबले से पहले एक और दिलचस्प सवाल यह है कि आखिर टॉस कौन कराएगा। क्रिकेट जगत में चर्चा है कि इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए किसी तटस्थ देश के पूर्व खिलाड़ी या विशेषज्ञ को बुलाया जा सकता है। यह निर्णय भी इसलिए अहम है क्योंकि मौजूदा हालात में भारतीय और पाकिस्तानी क्रिकेट अधिकारियों के बीच किसी भी तरह की सीधी भागीदारी विवाद को और बढ़ा सकती है।
गौरतलब है कि क्रिकेट के इतिहास में भारत-पाकिस्तान मुकाबलों को हमेशा हाई वोल्टेज क्लैश माना जाता रहा है। लेकिन 2022 वनडे विश्व कप (न्यूजीलैंड) का वह दृश्य अब एकदम अतीत की बात लगता है, जब भारतीय खिलाड़ियों की तस्वीरें पाकिस्तान की कप्तान बिस्माह मारूफ की नन्ही बेटी के साथ सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थीं और उस पल को खेल भावना की मिसाल बताया गया था। मौजूदा हालात इतने बिगड़े हुए हैं कि हरमनप्रीत कौर और पाकिस्तान कप्तान फातिमा सना के बीच औपचारिक शुभकामनाओं का आदान-प्रदान भी मुश्किल ही दिखता है।
यह विवाद केवल खिलाड़ियों तक सीमित नहीं है बल्कि क्रिकेट प्रशासनिक स्तर पर भी बड़ा असर डाल रहा है। खेल को जोड़ने और मित्रता का पुल समझा जाता है, लेकिन मौजूदा घटनाक्रम ने इसे राजनीतिक और कूटनीतिक टकराव का मैदान बना दिया है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और एसीसी प्रमुख मोहसिन नकवी के व्यवहार की आलोचना केवल भारत ही नहीं, बल्कि क्रिकेट प्रेमियों और विशेषज्ञों ने भी की। उनका कहना है कि नकवी का रवैया खेल की मूल भावना और एथिक्स के विपरीत है।
कोलंबो में होने वाला यह मुकाबला केवल एक क्रिकेट मैच नहीं बल्कि दोनों देशों के संबंधों का आईना भी साबित हो सकता है। एक ओर भारतीय महिला टीम अपने खेल प्रदर्शन से एशिया में अपनी दावेदारी मजबूत करने के लिए तैयार है, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान की टीम इस विवादित माहौल में मैदान पर उतरने जा रही है। फैंस की निगाहें सिर्फ खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर ही नहीं बल्कि इस बात पर भी टिकी होंगी कि मैच के दौरान औपचारिकता और व्यवहार किस रूप में सामने आते हैं।
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या क्रिकेट प्रशासनिक स्तर पर कोई सुलह की संभावना बनती है या यह दूरियां और गहरी होंगी। फिलहाल इतना तय है कि 5 अक्तूबर का मुकाबला सिर्फ बल्ला और गेंद का खेल नहीं होगा, बल्कि इसमें राजनीतिक तनाव, सम्मान और नीतियों की परछाईं भी साफ दिखाई देगी।