Tue, 19 Aug 2025 17:05:43 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
जौनपुर: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी जैसे पवित्र अवसर पर जौनपुर जिले के बदलापुर थाना परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम ने पूरे पुलिस विभाग की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यहां धार्मिक उत्सव की आड़ में फिल्म "शराबी" का मशहूर गीत "मुझे नौ लखा मंगा दे रे ओ सैयाँ दीवाने" बजाकर अश्लील डांस कराया गया। इस दौरान पुलिसकर्मियों की मौजूदगी और उनकी लापरवाही कैमरे में कैद हो गई। वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, हड़कंप मच गया और विभागीय कार्रवाई की गाज नौ पुलिसकर्मियों पर गिर गई।
मामले की शुरुआत जन्माष्टमी की रात हुई, जब थाने के भीतर "सांस्कृतिक कार्यक्रम" के नाम पर एक डांस पार्टी आयोजित की गई थी। आम तौर पर इस पर्व पर मंदिरों और पुलिस थानों में धार्मिक आयोजन और भजन-कीर्तन की परंपरा रही है, लेकिन बदलापुर थाने में इसका स्वरूप ही बदल गया। डांस कार्यक्रम में अशोभनीय हरकतें हुईं, जिन्हें देखकर लोग हैरान रह गए। बताया जा रहा है कि इस आयोजन में न सिर्फ थाने के पुलिसकर्मी मौजूद थे, बल्कि कुछ स्थानीय लोग भी मेहमान के तौर पर शामिल किए गए थे।
वीडियो के वायरल होते ही यह मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंचा। पुलिस अधीक्षक ने इस घटना को गंभीर अनुशासनहीनता मानते हुए तत्कालीन थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया। इसके बाद विस्तृत जांच का जिम्मा एसपी सिटी आयुष श्रीवास्तव को सौंपा गया। जांच रिपोर्ट में यह स्पष्ट हो गया कि थाने में तैनात दो उपनिरीक्षक और छह सिपाही इस कार्यक्रम में सक्रिय रूप से शामिल थे। सभी को दोषी पाए जाने पर निलंबन की कार्रवाई की गई।
पुलिस अधीक्षक ने साफ कहा है कि पुलिस विभाग की गरिमा से खिलवाड़ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि भविष्य में ऐसे आयोजनों पर पूरी तरह रोक लगाने के निर्देश दिए जाएंगे। अधिकारियों ने माना कि यह घटना न केवल विभाग की छवि धूमिल करती है बल्कि जनता के विश्वास पर भी गहरा असर डालती है।
स्थानीय स्तर पर भी इस प्रकरण की जमकर आलोचना हो रही है। जन्माष्टमी जैसे धार्मिक पर्व पर थाने के भीतर अशोभनीय डांस को लेकर लोगों में नाराजगी है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो पर लोग लगातार अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं और पुलिसकर्मियों के इस आचरण को शर्मनाक बता रहे हैं।
अब ऐसे में यह सवाल यह उठना लाजमी है, की पुलिस बल, जो समाज में अनुशासन और कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी संभालता है, वही जब अपनी ड्यूटी के दौरान इस तरह के कृत्य करेगा तो जनता का भरोसा कैसे कायम रहेगा। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि वर्दीधारी कर्मचारियों पर निगरानी और जवाबदेही का तंत्र मजबूत करना बेहद जरूरी है।