कानपुर: प्रदूषण की चादर में लिपटा शहर, नवंबर में राहत के बाद फिर बिगड़ी हवा की गुणवत्ता

कानपुर में वायु गुणवत्ता फिर बिगड़ी, नेहरू नगर सहित कई इलाकों में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक रहा, धीमी हवा और वाहनों का धुआं मुख्य कारण।

Fri, 21 Nov 2025 11:41:19 - By : Tanishka upadhyay

कानपुर: शहर इन दिनों काले धुंध की चादर में लिपटा हुआ है और नवंबर के शुरुआती दिनों में मिली हल्की राहत अब खत्म होती दिख रही है। हवा की गुणवत्ता फिर से लगातार खराब होती जा रही है। वायु गुणवत्ता सूचकांक में जारी ताजा आंकड़े बताते हैं कि शहर के कई इलाकों में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक रूप से बढ़ गया है। नेहरू नगर, किदवई नगर और कल्याणपुर में वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में दर्ज की गई है, जिससे लोगों के लिए सुबह और रात का समय खास तौर पर मुश्किल बन रहा है।

नेहरू नगर में एक्यूआइ 213 तक पहुंच गया, जो खराब श्रेणी का ऊपरी स्तर माना जाता है। यहां पीएम 2.5 और पीएम 10 दोनों ही मानक सीमा से काफी ऊपर दर्ज किए गए। किदवई नगर में एक्यूआइ 190 रहा, जो खराब श्रेणी के करीब है, जबकि कल्याणपुर में हवा की गुणवत्ता 163 पर दर्ज की गई। पूरे महीने के रुझान बताते हैं कि कई दिनों तक पीएम 2.5 का स्तर 200 के ऊपर बना रहा और 8, 12 और 13 नवंबर को प्रदूषण आरेंज श्रेणी में पहुंच गया था। 18 नवंबर को थोड़ी राहत जरूर मिली, लेकिन यह सुधार कुछ दिनों से अधिक टिक नहीं सका।

क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी अजीत कुमार सुमन ने बताया कि तापमान में गिरावट, हवा की धीमी रफ्तार और वाहनों से निकलने वाला धुआं, सड़क की धूल और स्थानीय औद्योगिक गतिविधियां प्रदूषण बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभा रही हैं। वातावरण में नमी बढ़ने से धूलकण नीचे बैठ रहे हैं और धुंध के साथ मिलकर भारी स्मॉग का रूप ले रहे हैं।

वायु प्रदूषण का असर अब लोगों की सेहत पर भी साफ नजर आने लगा है। अस्पतालों में सांस की तकलीफ, अस्थमा अटैक, खांसी, गले में जलन और आंखों में चुभन की शिकायतें बढ़ रही हैं। डॉक्टरों का कहना है कि प्रदूषित हवा लंबे समय तक फेफड़ों की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकती है और ब्रोंकाइटिस जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह मौसम खास तौर पर जोखिम भरा है क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है।

विशेषज्ञों का सुझाव है कि सुबह और देर शाम अनावश्यक बाहर निकलने से बचें, एन95 या समकक्ष मास्क का प्रयोग करें, गुनगुना पानी पीते रहें और घर में एयर प्यूरीफायर या कमरे की नियमित सफाई का ध्यान रखें। जैसे ही हवा की रफ्तार बढ़ेगी, प्रदूषण स्तर में कमी आने की संभावना है, लेकिन फिलहाल की स्थिति जनता को सतर्क रहने की सलाह देती है।

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