Sun, 17 Aug 2025 15:35:48 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
कानपुर; शहर को हिला देने वाले वकील अखिलेश दुबे सिंडीकेट का एक और बड़ा खुलासा सामने आया है। क्राइम ब्रांच ने शनिवार देर रात दिल्ली से फरार चल रहे आरोपी शैलेंद्र यादव उर्फ टोनू को एक युवती संग गिरफ्तार किया है। जांच में सामने आया है कि यही टोनू, दुबे के लिए लड़कियां सप्लाई करता था और इन्हीं लड़कियों के जरिए झूठे मुकदमे दर्ज करवाकर करोड़ों की ब्लैकमेलिंग की जाती थी। पुलिस को अब इस गैंग से जुड़े और कई नामों का पता चला है, जिनका खुलासा जल्द ही होने वाला है।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि गिरफ्तार युवती ने अखिलेश दुबे के इशारे पर कई झूठे रेप के मामले दर्ज कराए थे। लड़कियों को झूठे केस दर्ज करने के बदले 50 हजार से लेकर दो लाख रुपये तक दिए जाते थे। कुछ मामलों में नाबालिगों को पांच लाख रुपये तक दिए गए। मुकदमों की पूरी स्क्रिप्ट दुबे तैयार करता था और पुलिस अफसरों से नजदीकियों का फायदा उठाकर कोर्ट या थाने से सीधे मुकदमे दर्ज करवाए जाते थे। इन केसों का इस्तेमाल जमीन विवाद निपटाने और रंगदारी वसूलने के लिए किया जाता था।
कानपुर की बर्रा पुलिस ने भाजपा नेता रवि सतीजा की शिकायत पर अखिलेश दुबे को पहले ही जेल भेजा था। दुबे ने सतीजा के खिलाफ झूठा रेप केस दर्ज कराकर उनसे वसूली की थी। इसी मामले में फरार आरोपी टोनू यादव का नाम सामने आया था, जिसे अब गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ में टोनू ने खुलासा किया कि वह लगातार उस्मानपुर की बस्ती से लड़कियां लाकर दुबे को देता था और उन्हें मोटी रकम देकर फर्जी केस दर्ज करवाए जाते थे।
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि अखिलेश दुबे को कई आईपीएस और पीपीएस अफसरों का संरक्षण मिला हुआ था। यहां तक कि कुछ अफसर सार्वजनिक तौर पर उसके पैर छूते थे। यही वजह थी कि दुबे के खिलाफ कार्रवाई करना पुलिस के लिए आसान नहीं था। कानपुर पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने जब इस पूरे रैकेट की तहकीकात शुरू की तो लखनऊ बैठे कुछ बड़े अधिकारी दीवार बनकर खड़े हो गए।
फर्जी मुकदमों की बढ़ती शिकायतों के बाद कमिश्नर ने SIT गठित की, जिसमें 54 ऐसे मामले सामने आए जो पूरी तरह झूठे थे। इनमें से 10 से 12 मामले सीधे-सीधे अखिलेश दुबे से जुड़े पाए गए। जब जांच की रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंची, तो उन्होंने कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया। इसके बाद अखिलेश दुबे की गिरफ्तारी हुई और अब उसके पूरे सिंडीकेट का पर्दाफाश किया जा रहा है।
पूछताछ में पकड़े गए टोनू और लड़कियों ने यह भी खुलासा किया कि दुबे के ऑफिस से ही एक कर्मचारी नेता और उसका अधिवक्ता बेटा इस पूरे खेल में शामिल थे। आरोप है कि बेटा लड़कियों की मैनेजमेंट से लेकर झूठे मुकदमे दर्ज कराने तक की पूरी जिम्मेदारी संभालता था। यहां तक कि एक महिला जिलाध्यक्ष भी इन झूठे मामलों में शामिल रही है। पुलिस के पास इनके खिलाफ भी पुख्ता सबूत मिले हैं और जल्द ही इनके खिलाफ FIR दर्ज करके कार्रवाई की जाएगी।
क्राइम ब्रांच अब उन लड़कियों और महिलाओं को तलाश रही है, जिन्हें झूठे मुकदमों के लिए शहर से बाहर भेज दिया गया था। टीमों को यूपी के कई जिलों और छत्तीसगढ़ भेजा गया है। पुलिस का दावा है कि आने वाले दिनों में इस पूरे सिंडीकेट का पूरी तरह खुलासा कर दिया जाएगा और इसमें शामिल हर चेहरे को कानून के कटघरे में लाया जाएगा।