Thu, 30 Oct 2025 17:11:23 - By : Shriti Chatterjee
कानपुर में लॉ स्टूडेंट पर जानलेवा हमले के आरोपी अधिवक्ता को अरेस्ट करने गई पुलिस टीम पर बुधवार को वकीलों ने हमला कर दिया। कचहरी परिसर में अफरा-तफरी मच गई जब बहिष्कृत अधिवक्ता प्रिंस राज श्रीवास्तव को पुलिस वैन में बैठाते समय एक वकील ने दरोगा को थप्पड़ जड़ दिया। इस दौरान जमकर धक्का-मुक्की और गाली-गलौज हुई। स्थिति बिगड़ती देख पुलिस किसी तरह आरोपी को लेकर वहां से भागी। पूरा घटनाक्रम कैमरे में कैद हुआ और अब इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
जानकारी के अनुसार, रावतपुर थाना क्षेत्र के केशवपुरम निवासी 22 वर्षीय लॉ स्टूडेंट अभिजीत सिंह पर 25 अक्टूबर को दबंगों ने चापड़ से हमला कर दिया था। हमला इतना गंभीर था कि उनकी दो उंगलियां कट गईं और पेट में चोट लगने से आंतें तक बाहर आ गईं। अभिजीत इस समय सर्वोदय नगर के एक निजी अस्पताल के ICU में भर्ती हैं, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। पुलिस ने अब तक इस मामले में तीन आरोपियों अमर सिंह, विजय सिंह और निखिल तिवारी को गिरफ्तार कर जेल भेजा है, जबकि चौथा आरोपी प्रिंस राज श्रीवास्तव था।
पुलिस की टीमें कई दिनों से आरोपी की तलाश में थीं। बुधवार को जब पुलिस को सूचना मिली कि प्रिंस कचहरी में मौजूद है, तो टीम ने वहां पहुंचकर उसे गिरफ्तार कर लिया। मगर जैसे ही उसे वैन में बैठाया गया, अन्य वकीलों ने विरोध शुरू कर दिया। आरोपी को छुड़ाने की कोशिश में वकीलों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। एक अधिवक्ता ने दरोगा को थप्पड़ मार दिया और गाली-गलौज करते हुए पुलिस को दौड़ा लिया। हालात बेकाबू होते देख पुलिस फोर्स किसी तरह जान बचाकर आरोपी को लेकर थाने पहुंची।
घटना के बाद पूरे कचहरी परिसर में हंगामा मच गया। पुलिस ने फिलहाल मामले पर चुप्पी साध रखी है। अधिकारियों ने बताया कि आरोपी को भारी सुरक्षा के बीच गुरुवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। डीसीपी वेस्ट दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि प्रिंस राज श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसे अदालत में पेश करने के बाद जेल भेजा जाएगा।
बताया जा रहा है कि आरोपी प्रिंस राज श्रीवास्तव ने गिरफ्तारी से एक दिन पहले मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना पक्ष रखा था। उसने दावा किया कि वह वारदात के समय मौके पर मौजूद नहीं था और उस पर झूठे आरोप लगाए गए हैं। प्रिंस ने कहा कि उसका झगड़ा रावतपुर थाने के हिस्ट्रीशीटर सौरभ ठाकुर से चल रहा है और वह उसी के खिलाफ केस लड़ रहा था। उसने बताया कि मेडिकल स्टोर संचालक अमर सिंह ने घटना के बाद उसे बुलाया और तहरीर लिखने के लिए कहा।
पुलिस अब इस मामले में शामिल वकीलों की भूमिका की जांच कर रही है जिन्होंने सरकारी कार्रवाई में बाधा डाली। कानपुर पुलिस ने कहा है कि वीडियो फुटेज के आधार पर पहचान कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। वहीं लॉ स्टूडेंट अभिजीत सिंह के परिवार ने आरोपियों को सख्त सजा देने की मांग की है।