Tue, 04 Nov 2025 14:27:18 - By : Yash Agrawal
कानपुर: पुलिस को बड़ी सफलता मिली है, एसीपी स्वरूप नगर सुमित सुधाकर रामटेके और क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने शहर के कुख्यात ड्रग माफिया सुशील बच्चा के भाई और उसके एक साथी को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से लगभग 70 किलो गांजा बरामद किया गया है। यह कार्रवाई सोमवार शाम शास्त्री नगर स्थित सेंट्रल पार्क के पास की गई, जहां पुलिस ने घेराबंदी कर छापेमारी की। इस दौरान पुलिस को देखकर इलाके में अफरातफरी मच गई, जबकि ड्रग माफिया सुशील बच्चा मौके से फरार हो गया।
पुलिस के अनुसार, सुशील बच्चा कानपुर का कुख्यात हिस्ट्रीशीटर है, जिस पर अलग-अलग थानों में करीब 40 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें मादक पदार्थों की तस्करी, रंगदारी, अवैध हथियार और मारपीट जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं। उसका भाई राजकुमार उर्फ बउआ लिंडा भी आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहा है, जिसके खिलाफ एक दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। दोनों भाइयों का गिरोह लंबे समय से पूरे शहर में मादक पदार्थों की सप्लाई नेटवर्क चला रहा था।
एसीपी स्वरूप नगर सुमित सुधाकर रामटेके ने बताया कि पुलिस को काफी समय से इन दोनों के शहर में ड्रग तस्करी करने की सूचनाएं मिल रही थीं। सूचना के आधार पर सोमवार शाम टीम ने सेंट्रल पार्क के पास छापा मारा। वहां से राजकुमार उर्फ बउआ लिंडा और उसके एक साथी को गिरफ्तार किया गया, जबकि मुख्य सरगना सुशील बच्चा मौके से भागने में सफल रहा।
छापेमारी के दौरान पुलिस ने उनके ठिकाने से लगभग 70 किलो गांजा बरामद किया। पुलिस का कहना है कि इतनी मात्रा में बरामद मादक पदार्थ से साफ है कि शहर में बड़े स्तर पर सप्लाई नेटवर्क सक्रिय था। गिरफ्तार दोनों आरोपियों से पूछताछ में कई अहम जानकारियां सामने आ रही हैं। पुलिस अब यह भी पता लगा रही है कि शहर के किन-किन इलाकों में यह नेटवर्क फैला था और इस तस्करी में और कौन-कौन शामिल हैं।
सूत्रों के मुताबिक, सुशील बच्चा और उसके गिरोह का जाल कानपुर से लेकर आसपास के जिलों तक फैला हुआ है। वह लंबे समय से पुलिस की निगरानी में था और कई बार छापेमारी के दौरान बच निकलने में सफल रहा है। हालांकि इस बार उसके भाई और साथी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही पूरे गिरोह का पर्दाफाश किया जा सकेगा।
डीसीपी सेंट्रल आज इस पूरे मामले का औपचारिक खुलासा करेंगे। पुलिस ने फिलहाल ड्रग माफिया सुशील बच्चा की तलाश में कई संभावित ठिकानों पर दबिश दी है। साथ ही इस बात की भी जांच की जा रही है कि इस नेटवर्क के जरिए गांजे की सप्लाई किन जगहों पर की जा रही थी और इसमें कितने लोग शामिल थे।
एसीपी स्वरूप नगर ने यह भी स्पष्ट किया कि इस कार्रवाई में एसटीएफ की कोई भूमिका नहीं रही, बल्कि यह ऑपरेशन क्राइम ब्रांच और स्थानीय पुलिस की संयुक्त रणनीति के तहत किया गया था। पुलिस का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी ताकि शहर को मादक पदार्थों की तस्करी से मुक्त किया जा सके।