कानपुर: पांच करोड़ से अधिक के जीएसटी फर्जीवाड़े का खुलासा, दो फर्मों पर कार्रवाई

कानपुर के बिठूर में दो फर्मों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए पांच करोड़ से अधिक का जीएसटी फर्जीवाड़ा किया, विभाग ने मामला दर्ज कराया।

Sat, 08 Nov 2025 14:20:25 - By : Tanishka upadhyay

कानपुर में राज्य कर विभाग ने जीएसटी फर्जीवाड़े का एक बड़ा मामला उजागर किया है। बिठूर क्षेत्र के एक ही मकान में संचालित दो फर्मों ने मिलकर सरकार को पांच करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान पहुंचाया। इन फर्मों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जीएसटी पंजीकरण करवाया, नकली बिल जारी किए और इनपुट टैक्स क्रेडिट का गलत दावा किया। राज्य कर विभाग की जांच में खुलासा हुआ कि दोनों फर्में सर्कुलर ट्रेडिंग में लिप्त थीं और एक-दूसरे को फर्जी आइटीसी पास कर रही थीं।

राज्य कर विभाग की सहायक आयुक्त कविता श्रीवास्तव ने बिठूर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। जांच के दौरान यह पाया गया कि बिठूर निवासी अभिनव त्रिपाठी की फर्म त्रिपाठी इंटरप्राइजेज ने अपने घोषित व्यापार स्थल की जांच के दौरान फर्जी गतिविधियां कीं। यह दुकान राजेश कुमार तिवारी की बताई गई है, जिन्होंने परिसर में 20 दुकानें बनाई थीं। इनमें से दुकान नंबर 18 स्वास्तिक स्टील एंड सीमेंट को किराए पर दी गई थी, लेकिन कोई औपचारिक किरायानामा नहीं था।

जांच रिपोर्ट के अनुसार, फर्म ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में पोर्टल पर दिखाई गई 74 लाख 51 हजार रुपये की इनपुट टैक्स क्रेडिट की जगह 2 करोड़ 83 लाख रुपये से अधिक की आइटीसी क्लेम कर ली। यानी लगभग 2 करोड़ 8 लाख रुपये की फर्जी आइटीसी ली गई। इसके अलावा फर्म ने 2023-24 में 1 करोड़ 24 लाख रुपये की खरीद उन फर्मों से दिखाई जो या तो निरस्त थीं या सर्कुलर ट्रेडिंग में शामिल थीं। इसी प्रकार 2024-25 में 1 करोड़ 58 लाख रुपये से अधिक की फर्जी खरीद का दावा किया गया, जिससे कुल धोखाधड़ी की राशि 2 करोड़ 83 लाख रुपये से अधिक हो गई।

थाना प्रभारी प्रेमनारायण विश्वकर्मा ने बताया कि सहायक राज्य कर आयुक्त की तहरीर पर आरोपी दंपती के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। जांच में यह भी सामने आया कि फर्म स्वास्तिक स्टील एंड सीमेंट, जिसकी मालिकिन रानी त्रिपाठी हैं, उसी दुकान के पते पर पंजीकृत है। यह फर्म भी बिना किसी वास्तविक कारोबार के फर्जी बिल बनाकर टैक्स क्रेडिट का दावा कर रही थी।

उपायुक्त विनय कुमार गौतम ने इस फर्म के खिलाफ भी दूसरी रिपोर्ट दर्ज कराई है। 28 जून को की गई जांच में पाया गया कि दुकान पूरी तरह खाली थी और कोई व्यापारिक गतिविधि नहीं हो रही थी। बावजूद इसके, फर्म ने 2024-25 में 1 करोड़ 89 लाख रुपये की खरीद और 44 हजार रुपये की बिक्री दिखाई जबकि टर्नओवर शून्य घोषित किया। इस फर्म ने त्रिपाठी इंटरप्राइजेज को 35 लाख रुपये से अधिक की बोगस आइटीसी पास की और आगे इस रकम को युग इंटरप्राइजेज के माध्यम से वापस खुद को ट्रांसफर करा लिया।

राज्य कर विभाग की जांच से स्पष्ट हुआ कि सभी फर्में एक ही नेटवर्क का हिस्सा थीं जो वास्तविक कारोबार किए बिना फर्जी बिलों के जरिए करोड़ों रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम कर रही थीं। अब पुलिस और जीएसटी विभाग संयुक्त रूप से मामले की जांच कर रहे हैं और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार करने की तैयारी है।

वाराणसी: रामनगर आयुर्वेदिक चिकित्सालय में दवाओं की भारी कमी, समाजसेवी अमित राय ने सचिव आयुष से लगाई गुहार

दिल्ली धमाके के बाद काशी में हाई अलर्ट, कमिश्नरेट पुलिस की सख्त निगरानी

दिल्ली: लाल किले के पास बड़ा धमाका, आठ की मौत, चौबीस घायल, पुलिस ने जारी किया हाई अलर्ट

वाराणसी: नंबर प्लेट ढककर खुलेआम घूम रहे वाहन चालक, पुलिस की निष्क्रियता से सुरक्षा खतरे में

लखनऊ: शादी का झांसा देकर वैवाहिक साइट पर 5.48 लाख की ऑनलाइन ठगी