काशी-काठमांडू मैत्री बस सेवा 14 महीने बाद फिर शुरू, यात्रियों को मिलेगी राहत

काशी से काठमांडू के बीच 14 माह से बंद मैत्री बस सेवा 26 दिसंबर से फिर शुरू होगी, जिससे हजारों यात्रियों को राहत मिलेगी।

Fri, 12 Dec 2025 12:04:31 - By : Palak Yadav

काशी से काठमांडू स्थित पशुपतिनाथ धाम तक जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए भारत नेपाल मैत्री बस सेवा एक महत्वपूर्ण सुविधा मानी जाती थी। यह सेवा न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देती थी बल्कि दोनों देशों के बीच सामाजिक और सांस्कृतिक मेलजोल को भी मजबूत करती थी। हालांकि पिछले 14 महीनों से यह सेवा बंद थी, जिससे हजारों यात्रियों को नियमित यात्रा में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था। अब नेपाल की ओर से सभी आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं और 26 दिसंबर से पहली बस फिर से चलने जा रही है। इससे दोनों देशों के यात्रियों को काफी राहत मिलेगी और बंद पड़ी व्यवस्था को नए सिरे से गति मिलेगी।

मैत्री बस सेवा की शुरुआत कई साल पहले इस उद्देश्य से की गई थी कि काशी और पशुपतिनाथ जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों के बीच सुगम, सुरक्षित और नियमित परिवहन उपलब्ध कराया जा सके। शुरुआत में एक बस भारत से और एक बस नेपाल से संचालित की गई थी। यात्रियों ने इस सेवा को काफी पसंद किया था क्योंकि इससे दोनों देशों के बीच यात्रा का समय कम हुआ और लागत भी नियंत्रित रही। धार्मिक यात्राओं के अलावा व्यापारिक कारणों से जाने वाले लोग भी इस सेवा का उपयोग करते थे और इसका सीधा लाभ स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मिलता था।

सेवा बंद होने का मुख्य कारण उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की अनुबंधित बस के परमिट का समय पर नवीकरण न होना था। यह एक तकनीकी समस्या थी जिसकी वजह से बस संचालन रोकना पड़ा। लगभग इसी तरह की स्थिति नेपाल की ओर भी आई और वहां भी परमिट से जुड़ी अड़चनें सामने आईं। इस कारण दोनों दिशाओं से मैत्री बस सेवा पूरी तरह बंद हो गई। प्रशासनिक प्रक्रिया लंबी होने के कारण यह सेवा एक वर्ष से अधिक समय तक प्रभावित रही और यात्रियों को या तो निजी वाहनों या वैकल्पिक मार्गों पर निर्भर रहना पड़ा।

अब नेपाल की ओर से सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। बस संचालन के लिए नेपाल की श्री मंजू श्री बस सेवा समिति को नामित किया गया है। यह समिति न केवल बस का संचालन करेगी बल्कि ऑनलाइन टिकट बुकिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराएगी ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। ऑनलाइन टिकट व्यवस्था से पारदर्शिता बढ़ेगी और यात्रियों को यात्रा की योजना बनाने में सरलता

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